भिलाई । भिलाई में सीबीआई, ईडी और सुप्रीम कोर्ट का नोटिस भेजकर 49 लाख की ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है। शातिर आरोपी ने वॉट्सऐप कॉल कर 5 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। मामला भिलाई नगर थाना क्षेत्र का है।
एएसपी सिटी सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि 16 नवंबर 2024 को रूआबांधा भिलाई निवासी इंद्र प्रकाश कश्यप ने भिलाई नगर थाने में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने शिकायत में बताया कि उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई का अधिकारी बताया।
इसके बाद व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए अलग-अलग नंबरों से कॉल आए और सीबीआई, ईडी और सुप्रीम कोर्ट से नोटिस भेजे गए। नोटिस के साथ ही सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट भी उन्हें भेजा गया। इससे इंद्र प्रकाश काफी डर गए।
जब वह आरोपियों के जाल में फंस गया और डिजिटली गिरफ्तार हो गया तो आरोपियों ने उसे कार्रवाई की धमकी दी और उससे 49 लाख रुपये ले लिए। इसके बाद जब आवेदक को अहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और मदद मांगी।
एसीसी की टीम ने स्टेप बाई स्टेप की जांच
दुर्ग एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने इस मामले में भिलाई नगर पुलिस के साथ एसीसीयू की टीम को लगाया। टीम ने प्रार्थी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चरणबद्ध तरीके से मामले की जांच शुरू की। घटना अवधि में प्रार्थी के मोबाइल पर आए व्हाट्सएप नंबर और बैंक खातों की जानकारी जुटाई।
इसके बाद सभी मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल निकाली गई। ठगी में उपयोग किए गए बैंक खाते का स्टेटमेंट लिया गया। जांच में पता चला कि आरोपी ने औरंगाबाद के आईसीआईसीआई बैंक में संचालित खाते का उपयोग किया था। उस खाते की पूरी जानकारी निकाली गई। बैंक से उसका मोबाइल नंबर लिया गया।
इसके बाद एक टीम औरंगाबाद भेजी गई। यहां महाराष्ट्र पुलिस महानिरीक्षक से मदद ली गई। औरंगाबाद पुलिस की मदद से टीम आईसीआईसीआई बैंक खाते की डिटेल लेकर उसमें दिए गए पते वैष्णवी ऑटो स्पेयर, दिशा कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बजाज नगर पहुंची। वहां पूछताछ करने पर पता चला कि उक्त कंपनी 4-5 साल पहले से चल रही थी।
कंपनी के प्रोपराइट की जानकारी लेकर पहुंची टीम
पुलिस टीम को जब पता चला कि कंपनी का दफ्तर चार-पांच साल पहले वहां से बंद हो चुका है तो उस कंपनी के प्रोपराइटर का पता पता किया गया। इसके बाद टीम प्रोपराइटर बापू श्रीधर भरड़ के घर अक्षय तृतीया अपार्टमेंट बजाज नगर पहुंची। वहां से भी वह 5 साल पहले घर खाली कर चुका था।
इसके बाद टीम बैंक खाते में दर्ज मोबाइल नंबर को ट्रेस कर बापू श्रीधर भरड़ गांव राहेगांव औरंगाबाद पहुंची। टीम ने वहां कई दिनों तक आरोपी की रेकी की। इसके बाद उसे राहेगांव से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसके पास से वारदात में इस्तेमाल बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल फोन का सिम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किया।
आरोपी को रिमांड में लेकर पूछताछ जारी
पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया और पुलिस रिमांड में लिया। इसके बाद भिलाई नगर थाने में उसे लाकर उससे पूछताछ की जा रही है। इस कार्रवाई में भिलाई नगर से सहायक उप निरीक्षक शमित मिश्रा, एंटी क्राइम साइबर यूनिट से प्र. आर. चन्द्रशेखर बंजीर, आरक्षक रिन्कू सोनी, शहबाज खान, जावेद हुसैन की उल्लेखनीय भूमिका रही।
दुर्ग पुलिस ने जनता से की अपील
दुर्ग पुलिस ने इस मामले को लेकर जनता से एक अपील की है। एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई भी कानूनी प्रावधान नहीं है। अगर अंजान मोबाइल फोन से ट्राई, सीबीआई, ईडी के अधिकारी बनकर, मोबाइल फोन, वॉट्सऐप और ई-मेल के जरिए किसी प्रकार की कॉल, मैसेज, भ्रामक नोटिस आए तो, कभी भी उससे अपनी व्यक्तिगत और बैकिंग संबंधित जानकारी साझा ना करें।