पाकिस्तान की एक और गीदड़भभकी! अगर मेजबानी छीनी गई तो नहीं लेंगे चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा

Report: Pakistan may withdraw from Champions Trophy if hosting rights taken after India refuse to send team

कराची। चैंपियंस ट्रॉफी के लिए बीसीसीआई के भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार करने के बाद अब पाकिस्तान ने गीदड़भभकी दी है। दरअसल, पाकिस्तान पर मेजबानी छीने जाने का खतरा मंडरा रहा है। ‘द डॉन’ ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हवाले से एक रिपोर्ट साझा करते हुए बताया है कि अगर पाकिस्तान से टूर्नामेंट की मेजबानी के अधिकार छीन लिए जाते हैं तो वह अगले साल होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से अपना नाम वापस ले सकता है। द डॉन ने पीसीबी के सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है।

नकवी ने पाकिस्तान सरकार से बातचीत शुरू की थी

भारत के टीम भेजने के इनकार करने के बाद पीसीबी अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए रविवार को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू की थी। पीसीबी ने रविवार को पुष्टि की थी कि भारत ने अगले साल फरवरी-मार्च में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने की अपनी अनिच्छा के बारे में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को सूचित किया है। नकवी इससे पहले इस टूर्नामेंट के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ की योजना को नकार चुके हैं।

क्या है हाइब्रिड मॉडल?

हाइब्रिड मॉडल के तहत भारत अपने मैच किसी तटस्थ जगह पर खेलता और बाकी मैच पाकिस्तान में खेले जाते। एशिया कप 2023 का आयोजन भी इसी तरह से हुआ था। हालांकि, अब भारत के इनकार करने के बाद आईसीसी इस पूरे टूर्नामेंट को किसी दूसरे देश में शिफ्ट करने के बारे में विचार कर रहा है। अब पीसीबी के सूत्र ने डॉन को बताया, ‘अगर टूर्नामेंट शिफ्ट किया जाता है तो पाकिस्तान सरकार ने पीसीबी को इस बात के लिए कह रहा है कि वह टूर्नामेंट में खेलने से इनकार कर दे।’ पाकिस्तान सरकार इस मसले को गंभीरता से देख रही है।

पाकिस्तान की यह भी गीदड़भभकी

पीसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि मोहसिन नकवी, जो संघीय आंतरिक मंत्री भी हैं। वह सरकारी अधिकारियों के संपर्क में थे और  इंतजार कर रहे थे कि प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ क्या निर्देश देते हैं। इसके साथ ही यह अटकलें भी हैं कि देश की सरकार पीसीबी को निर्देश दे सकती है कि वह चैंपियंस ट्रॉफी से शुरू होने वाले किसी भी आईसीसी या अन्य बहु-टीम आयोजनों में भारत के खिलाफ तब तक खेलना बंद कर दे जब तक भारत सरकार अपनी नीति नहीं बदलती है।