रायपुर। छत्तीसगढ़ के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज रायपुर में जूनियर स्टूडेंट्स से रैगिंग का मामला सामने आया है। छात्रों की शिकायत के बाद एंटी रैगिंग सेल ने MBBS के दो सीनियर स्टूडेंट को सस्पेंड कर दिया गया।
दरअसल, MBBS सेकंड ईयर के स्टूडेंट्स ने फर्स्ट ईयर के छात्रों की रैगिंग ली थी। फर्स्ट ईयर के छात्रों ने शिकायत की थी कि सेकंड ईयर के सीनियर्स ने सामूहिक रूप से उनके सिर मुंडवाए और उन्हें हॉस्टल में प्रताड़ित किया। साथ ही सीनियर्स ने जूनियर लड़कियों की फोटो भी मंगवाई थी।
इस मामले में जूनियर्स ने एंटी रैगिंग सेल में 26 अक्टूबर को शिकायत की थी। शिकायत सही मिलने के बाद समिति ने MBBS 2023 बैच के सेकंड ईयर के दो छात्र अंशु जोशी और दीपराज वर्मा को 10 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। इस दौरान दोनों को सभी क्लास और क्लिनिक पोस्टिंग में शामिल होने पर रोक लगाई गई है। कॉलेज की ओर से यह कार्रवाई 4 नवंबर को की गई है।
अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) रायपुर डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि पिछले महीने से फर्स्ट ईयर के बच्चे शिकायत कर रहे थे कि उनकी रैगिंग हो रही है। लेकिन हद तक हो गई कि जब 50 स्टूडेंट को सिर मुंडवाने के लिए कहा गया और बच्चियों को कहा गया कि एक विशेष प्रकार का तेल लगाकर ड्रेस कोड में आएंगे।
जब कॉलेज प्रशासन इस बात को ध्यान नहीं दिया तब दिल्ली में नेशनल मेडिकल कमिश्नर को परिजनों और दूसरे लोगों ने शिकायत की। सोशल मीडिया में कई लोगों ने नेशनल मेडिकल कमिश्नर को टैग किया। जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने इस मामले को संज्ञान लिया और कार्रवाई की है।
डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि इस मामले में पूरी तरह से लीपा-पोती की गई है। जो दो स्टूडेंट को 10 दिनों के लिए सस्पेंड किया गया है। उसमें से 5 दिन छुट्टियों के हैं। वहीं इस मामले में अब भी सीनियर जूनियर को धमका रहे हैं और कह रहे हैं कि असली रैगिंग 10 तारीख के बाद होगी।
कॉलेज के स्टूडेंट के साथ किसी किसी प्रकार की अनहोनी न हो इसलिए इस मामले को शासन स्तर पर देखना जरूरी है। यह मामला बेहद गंभीर और बड़ा हो गया है। इसलिए कॉलेज प्रशासन की अनदेखी के चलते उनके ऊपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।