दुनिया का सबसे बड़ा उत्सव बस्तर दशहरा 77 दिन चलने के बाद समाप्त, 800 साल पुरानी है इस दशहरे की परंपरा

Chhattisgarh | 77-day-long Bastar Dussehra concluded

जगदलपुर। बस्तर दशहरा 77 दिन चलने के बाद समाप्त हो गया है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा उत्सव माना जाना है और इस दशहरे की परंपरा 800 साल पुरानी है। कल बस्तर दशहरा के तत्वाधान में बस्तर मड़ई और क्षेत्रीय सरस मेला के अवसर पर लालबाग मैदान में शानदार आयोजन हुआ। यहां दायरा बैंड ने अपने गीत “ऐसा जादू है मेरे बस्तर में” की प्रस्तुति से पूरे दर्शक वर्ग को मंत्रमुग्ध कर दिया। बैंड की मधुर धुनों और स्थानीयता की झलक ने लोगों के दिलों को छू लिया और बस्तर की अद्वितीय संस्कृति और सुंदरता को सराहा।

कार्यक्रम में बस्तर की समृद्ध लोक संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य की महिमा को गीतों के माध्यम से जीवंत किया गया, जिसने दर्शकों को खास तौर पर भावविभोर कर दिया। इस बैंड में मुंबई के कलाकारों के साथ बादल अकादमी और बस्तर के स्थानीय कलाकार भी शामिल हैं।

हजारों की संख्या में उपस्थित दर्शकों ने इस कार्यक्रम का भरपूर आनंद उठाया और बैंड की धुन में ख़ुद को थिरकने से रोक नहीं पाए। कार्यक्रम में  कृष्णाभद्रा नंबूथिरी  द्वारा भरतनाट्यम, साथ ही स्थानीय लोकनृत्य दलों की भी शानदार प्रस्तुति दिया गया।