टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा की हालत नाजुक, मुंबई के अस्पताल में भर्ती

Ratan Tata, chairman, Tata Sons, is in critical condition in intensive care in Mumbai hospital, News in hindi

मुंबई। भारत के सबसे बड़े समूह टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा की तबीयत एक बार फिर गंभीर हो गई है। जानकारी के मुताबिक उन्हें मुम्बई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं इससे दो दिन (7 अक्तूबर) पहले भी उनके स्वास्थ्य बिगड़ने की सूचना समाचार चैनल में प्रसारित हुई थी। हालांकि इस मामले में उनके ऑफिशियल एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट के जरिए अपने स्वास्थ्य की जानकारी दी कि, वो स्वस्थ हैं।

रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर किया था खंडन
उन्होंने खुद इन दावों का खंडन किया और अपने आईसीयू में भर्ती होने के दावों को अफवाह करार दिया था। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ‘मैं अपने स्वास्थ्य के बारे में हाल ही में फैल रहीं अफवाहों से अवगत हूं। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं फिलहाल अपनी उम्र और सेहत संबंधी जरूरी चिकित्सा जांच करवा रहा हूं। चिंता का कोई बात नहीं है। मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। आपसे अनुरोध करता हूं कि जनता और मीडिया गलत सूचना फैलाने से बचें।’

रतन टाटा के बारे में जानिए
रतन नवल टाटा, एक भारतीय व्यापारी, निवेशक, दानवीरऔर टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष हैं। वे टाटा समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं। वे भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किए जा चुके हैं। वह प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड के पूर्व छात्र हैं।

  • टाटा ने मार्च 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष का पद संभाला था और 28 दिसंबर 2012 को सेवानिवृत्त हुए। उनके कार्यकाल के दौरान टाटा समूह का राजस्व कई गुना बढ़ गया। यह राजस्व 1991 में महज 10,000 करोड़ रुपये के कारोबार से बढ़कर 2011-12 में 100.09 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। 
  • उन्होंने समूह को कुछ अहम अधिग्रहणों का भी नेतृत्व किया, जिसमें 2000 में 450 मिलियन अमरीकी डॉलर में टाटा टी की ओर से टेटली से लेकर 2007 में 6.2 बिलियन पाउंड में टाटा स्टील की ओर से स्टीलमेकर कोरस और 2008 में टाटा मोटर्स की ओर से 2.3 बिलियन अमरीकी डॉलर में ऐतिहासिक जगुआर लैंडरोवर शामिल हैं।  
  • अपनी सेवानिवृत्ति के बाद टाटा को अपने उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री के साथ बोर्डरूम लड़ाई का सामना भी करना पड़ा, जिन्हें 24 अक्तूबर, 2016 को टाटा संस के अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया था। 
  • मिस्त्री को हटाए जाने के बाद वे समूह के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में वापस लौटे और जनवरी 2017 में समूह की कमान एन. चंद्रशेखरन को सौंप दी और टाटा संस के मानद अध्यक्ष की भूमिका में आ गए।