बिलासपुर। हाई कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में आरोपी अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक सिंह ढिल्लन की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया है. आरोपियों ने ईओडब्लू के द्वारा शराब घोटाला मामले में दर्ज एफआइआर को लेकर जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर जस्टिस अरविंद वर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई, दोनों पक्षों को सुनने के बाद बीते माह हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर ऑर्डर जारी किया गया है.
दरअसल, ईडी ने शराब घोटाले मामले में मई 2023 में आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था. पूछताछ कर ईडी की विशेष अदालत ने जेल भेज दिया था. उन्होंने विशेष अदालत में जमानत अर्जी लगाई, जहां अर्जी खारिज होने पर हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी. हाईकोर्ट ने पहली बार जमानत खारिज कर दिया, लेकिन दूसरी बार में बेल दे दिया था.
इसी दौरान EOW ने शराब घोटाले और नकली होलोग्राम पर केस दर्ज कर जांच शुरू की, जिसके तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई. EOW की गिरफ्तारी के बाद एपी त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन ने हाईकोर्ट में अलग अलग जमानत अर्जी लगाई. याचिकाकर्ताओं ने ईडी और एसीबी की कार्रवाई को झूठा बताते हुए कहा, कि इस केस में उन्हें पहले से बेल मिल गई है. अब उसी केस पर EOW ने दूसरी FIR किया है, जो अवैधानिक है.
मामले में सुनवाई के दौरान ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट में तर्क दिया गया था, कि यह गंभीर आर्थिक अपराध है, राज्य के साथ सीधा छल है. सरकारी रेवेन्यू सरकार के ख़ज़ाने में जमा होने के बजाय सिंडिकेट की जेब में गया, यह एक संगठित अपराध गिरोह है.