बिलासपुर। ज्योतिष शास्त्र में माता रानी के वाहनों का अलग-अलग महत्व बताया गया है। नौ दिनों तक माता की उपासना करने वाले भक्तों पर मां दुर्गा इस बार विशेष कृपा बरसाएंगी। नवरात्र तीन अक्टूबर से प्रारंभ होकर 11 अक्टूबर दुर्गा अष्टमी व्रत है। 12 अक्टूबर को दुर्गा नममी साथ ही विजयादशमी यानी दशहरा भी मनाया जाएगा दिन में 1:43 से 2:29 तक ।
नवरात्र में देवी मां की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी कामनाएं पूरी होती हैं। नवमी तक मनाए जाने वाले इस पावन त्योहार में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना की जाती है।
ज्योतिषाचार्य पं. उमाशंकर चतुर्वेदी का कहना है कि इस साल मां दुर्गा का आगमन पालकी पर होगा। ज्योतिष में माता रानी के वाहनों का अलग-अलग मतलब बताया गया है। मातारानी का पालकी पर आना शुभ संकेत नहीं माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता दुर्गा का पालकी पर आने का अर्थ है कि देश-दुनिया में अस्थिरता उत्पन्न होगी। स्वास्थ्य को लेकर सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। व्यापार में मंदी, अर्थव्यवस्था में गिरावट की भी आशंका है। माता अपने भक्तों पर संकट नहीं आने देंगी।
पृथ्वी लोक पर बदल जाता है वाहन
पं.चतुर्वेदी के अनुसार मां दुर्गा का वाहन सिंह यानी शेर है लेकिन जब माता रानी पृथ्वीलोक पर आती हैं तब उनका वाहन बदल जाता है। इसे समझने के लिए सप्ताह के सात दिनों का विशेष उल्लेख है। जिसके संकेत से वाहन का पता चलता है। नवरात्र प्रारंभ होने के दिन से पता लगाया जा सकता है।
सप्ताह के दिनों से ऐसे समझें नवरात्र का आरंभ
माता रानी की सवारी महत्व
- गुरुवार, शुक्रवार डोली या पालकी शुभ संकेत नहीं
- शनिवार, मंगलवार घोड़ा शुभ नहीं माना जाता
- बुधवार नाव अत्यधिक शुभ
- सोमवार, रविवार हाथी बेहद शुभ