राजनांदगांव। राजनांदगांव में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने दबिश दी है। कस्टम मिलिंग में हुए घोटाले की जांच करने के लिए ED की टीम राइस मिल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष के घर पहुंची है। ED की 6 सदस्यीय टीम सुबह राइस मिलर्स संतोष ऊर्फ टिल्लू अग्रवाल के ठिकानों पर जांच कर रही है। इनकी राइस मिल चिचोला में स्थित है।
छापा कस्टम मिलिंग में प्रोत्साहन राशि के घोटाले को लेकर मारा गया है। अभी कुछ दिन पहले ही डोंगरगढ़ के राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर भी ED ने छापा मारा था। फिलहाल टिल्लू अग्रवाल के निवास में क्या मिला है इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। ED की टीम अनुपम नगर स्थित घर में जांच पड़ताल कर रही है।
राइस मिलर्स पर ED का एक्शन लगातार देखने को मिल रहा है। 8 जून को एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर भी छापा मारा गया था। मनोज अग्रवाल बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं। उनके घर में ED की कार्रवाई 18 घंटे तक चली। शनिवार सुबह 5 बजे से शुरू हुई कार्रवाई रात 11 बजे तक चली। इसके बाद ED की टीम घर से कैश और दस्तावेज लेकर रवाना हो गई।
कस्टम मिलिंग घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों की टीम MH पासिंग और CG 04 पासिंग कार से अग्रवाल के डोंगरगढ़ और रायपुर स्थित घर पहुंची थी। देर रात स्थानीय पुलिस के साथ 2 सील बंद बैग लेकर ED के अधिकारी रायपुर के लिए रवाना हुए। बताया जा रहा है कि मनोज अग्रवाल के घर से बरामद हुए रुपए गिनने के लिए टीम को 2 मशीनें मंगवानी पड़ी थीं।
ED का आरोप है कि मार्कफेड के अधिकारी और राज्य चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मिलकर कस्टम मिलिंग घोटाले को अंजाम दिया है। इसके लिए अधिकारी और मिलर्स ने विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग किया है। करोड़ों की रिश्वत कमाने की साजिश रची है।
कारोबारियों के अनुसार, मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी और उनके सहयोगियों का खेल दो साल से चल रहा था। इसके लिए पूरी टीम बनाई गई थी। टीम में मॉर्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे। आरोप है कि कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटे धान को पतला करने, पतले धान को मोटा करने, FCI को नान में कंवर्ट करने का पैसा लिया जाता था।