नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव परिणाम का असर राज्यसभा में दलों के संख्या बल पर पड़ना तय है। आम चुनाव में अपने प्रदर्शन में सुधार करने वाली कांग्रेस और उसकी अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को उच्च सदन में तीन सीटों का घाटा उठाना पड़ेगा। जिन राज्यों में उपचुनाव होंगे, वहां के संख्या बल के हिसाब से ये तीनों सीटें भाजपा के पक्ष में जा सकती हैं। इस नए समीकरण से राजग उच्च सदन में बहुमत के करीब पहुंच सकता है।
गौरतलब है कि लोकसभा में राज्यसभा के दस सदस्य चुनाव जीते हैं। इनमें से सात भाजपा, दो कांग्रेस और एक राजद के हैं। ये तीनों सांसद जिस राज्य से राज्यसभा पहुंचे हैं, वहां भाजपा और राजग की सरकार है। ऐसे में कांग्रेस और राजद के सामने अपनी सीटें बचाना मुश्किल है।
बहुमत के करीब पहुंचेगा राजग
वर्तमान में भाजपा के पास 90 और उसकी सहयोगियों के 11 सदस्य हैं। भाजपा को सात नामित और तीन निर्दलीय सांसदों में से दस का समर्थन हासिल है। ऐसे में उपचुनाव के नतीजे आने के बाद राजग के सदस्यों की संख्या बढ़ जाएगी। इसका मतलब है कि राजग को बहुमत के लिए महज एक सदस्य की कमी होगी।
ये जीते चुनाव…
लोकसभा चुनाव जीतने वालों में भाजपा के पीयूष गोयल, बिल्पब देब, माधवराव सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल, कामाख्या प्रसाद तासा, विवेक ठाकुर, उदयन राजे भोसले और कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल, दीपेंद्र हुड्डा और राजद की मीसा भारती हैं। विपक्ष के तीनों उम्मीदवार भाजपा-राजग शासित राज्य बिहार, राजस्थान और हरियाणा से हैं। ऐसे में कांग्रेस-राजद के लिए उपचुनाव जीतना मुश्किल है। गौरतलब है कि इनमें वेणुगोपाल और हुड्डा का दो साल तो मीसा का चार साल का कार्यकाल बाकी है। दूसरी ओर भाजपा के राज्यसभा सदस्य महाराष्ट्र, असम, मध्यप्रदेश और त्रिपुरा से हैं, जहां इनकी सरकार होने के कारण इनके पास उपचुनाव जीतने के लिए पर्याप्त संख्याबल है।