13 मंत्रियों, दो उपमुख्यमंत्रियों समेत मोहन माझी ने ली ओडिशा के मुख्यमंत्री पद की शपथ, पीएम मोदी-शाह समेत कई भाजपा नेता रहे मौजूद

Mohan Charan Manjhi To Swearing in Ceremony As Odisha New CM PM Modi Join News in Hindi

भुबनेश्वर। ओडिशा में पहली बार भाजपा की सरकार बनी। क्योंझर से विधायक मोहन चरण माझी ने आज भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ केवी सिंह देव और प्रभाती परिदा ने राज्य के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इसी के साथ ओडिशा में पहली बार एक सीएम, दो डिप्टी सीएम और 13 मंत्रियों की सरकार बनी।

शपथ ग्रहण समारोह शाम 5 बजे शुरू हुआ। इस कार्यक्रम को भुवनेश्वर के जनता मैदान में आयोजित किया गया। ओडिशा के मुख्यमंत्री के तौर पर मोहन चरण मांझी के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भुवनेश्वर पहुंचे। एयरपोर्ट पर ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास और स्वयं मोहन चरण मांझी ने पीएम मोदी का स्वागत किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी शपथ समारोह में मौजूद रहे।

बता दें कि माझी के नाम का एलान 11 जून को हुई विधायक दल की बैठक में किया गया। भाजपा ने वरिष्ठ पार्टी नेता राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को ओडिशा में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। सीएम चुने जाने के बाद माझी ने कहा कि वह मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए पुरी जाएंगे।

शपथ ग्रहण समारोह में केवी सिंहदेव सिंह और प्रभाती परीदा डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली। मोहन माझी के अलावा दो उपमुख्यमंत्री एवं 13 अन्य मंत्रियों ने शपथ ली। गणेश राम, संपंद स्वेन, प्रदीप बालासमंता, गोकुला नंद मलिक, सूर्यबंशी सुराज को मंत्री स्वतंत्र प्रभार की शपथ दिलाई गई। माझी कैबिनेट में सुरेश पुजारी, रबिनारायण नाइक, नित्यानद गोंड, पृथ्वीराज हरिचंदन, कृष्ण चंद्र महापात्रा, मुकेश महालिंग, बिभूति भूषण जेना, कृष्ण चंद्र पात्रा भी मंत्री के रूप में शामिल किए गए हैं।

घोटाला उजागर करने के लिए विस अध्यक्ष पर फेंक दी थी दाल
2023 में माझी तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 700 करोड़ रुपये के मिड डे मील घोटाले को उजागर करने के लिए अनूठे तरीके से विधानसभा में विरोध किया था। माझी ने तब एक कटोरी बिना पकी दाल स्पीकर की तरफ उछाल दी थी।

भाजपा ने जताया भरोसा
चार बार एक ही विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल करने वाले माझी पर इस बार भारतीय जनता पार्टी ने भरोसा जताया और उन्हें ओडिशा का 15वां मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। आपको बता दें कि इस बार ओडिशा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में बीजू जनता दल के विजयरथ को रोका और बड़ी जीत दर्ज की। 147 में से 78 सीटों पर जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी ओडिशा में सबसे बड़ा दल बनकर उभरी। पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना पीएम मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। उधर, बीजू जनता दल को 51 सीटों पर जीत हासिल हुई।  

विधानसभा चुनाव में क्योंझर सीट से जीते
आदिवासी नेता मोहन माझी ने विधानसभा चुनाव में क्योंझर सीट से जीत हासिल की है। इस चुनाव में उन्होंने बीजू जनता दल की मीना माझी को 11,577 मतों से शिकस्त दी। 52 वर्षीय भाजपा नेता की विधानसभा चुनाव में यह चौथी जीत है। वह पहली बार 2000 में क्योंझर (एसटी) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2004, 2019 और अब 2024 में भी क्योंझर सीट से जीते हैं। माझी ओडिशा विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक भी रह चुके हैं।

ऐसा रहा है सियासी सफर 
मोहन चरण माझी का जन्म 1972 में ओडिशा में हुआ था। उनके पिता का नाम गुनाराम माझी है। उनकी शादी डॉ. प्रियंका मरांडी से हुई है और उनके दो बेटे हैं। मोहन चरण माझी ने अपना सियासी करियर एक सरपंच के रूप में शुरू किया था। उन्होंने यह जिम्मेदारी 1997 से 2000 के बीच संभाली। 1997 में उन्हें भाजपा ओडिशा आदिवासी मोर्चा के सचिव की जिम्मेदारी मिली। इसके अलावा मोहन स्थानीय स्तर पर युबज्योति क्लब, रायकला के अध्यक्ष, बाबा धबलेश्वर महादेव मंदिर समिति, रायकला के सदस्य और भाजपा ओडिशा एसटी मोर्चा के महासचिव जैसे पदों पर भी रहे।

फुटबॉल खिलाड़ी रहे हैं मोहन 
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में मोहन ने अपनी संपत्ति 1.97 करोड़ रुपये घोषित की थी। वह खुद को पेशे से किसान और समाजसेवक बताते हैं। शैक्षिक योग्यता की बात करें तो माझी स्नातक पेशेवर हैं। 1993 में सीएस कॉलेज चंपुआ से बीए किया है। इसके बाद मोहन ने 2011 में ढेंकनाल लॉ कॉलेज से एल.एल.बी. किया है। यात्रा और खेल का शौक रखने वाले मोहन रायकला, क्योंझर में राइजिंग स्टार क्लब के फुटबॉल खिलाड़ी रहे हैं।