मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने हाल ही में कहा कि लाखों डॉलर के घोटालों में शामिल नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या इसलिए देश से भागने में सफल रहे क्योंकि जांच एजेंसियां उन्हें उचित समय पर गिरफ्तार करने में विफल रहीं। विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत आरोपी की जमानत की शर्तों में बदलाव की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। अदालत ने 29 मई को धन शोधन के एक मामले में आरोपी व्योमेश शाह की उस याचिका को स्वीकार कर लिया था जिसमें उसने विदेश यात्रा के लिए अदालत से पूर्व अनुमति लेने की जमानत शर्त को वापस लेने का अनुरोध किया था। इस मामले में विस्तृत आदेश हाल ही में उपलब्ध कराया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तर्क दिया था कि शाह के आवेदन को अनुमति देने से नीरव मोदी, विजय माल्या और मेहुल चोकसी जैसे मामलों का इजाफा होगा। जांच एजेंसी की दलील को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा, “मैंने इस दलील पर विचार किया और यह गौर करना जरूरी समझा कि ये सभी लोग इसलिए भाग गए क्योंकि संबंधित जांच एजेंसियां इन्हें उचित समय पर गिरफ्तार नहीं कर पाईं।”
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत शाह समन के जवाब में अदालत में पेश हुए, जमानत हासिल की और कई बार विदेश यात्रा के लिए आवेदन किया। अदालत ने कहा कि शाह के मामले की तुलना नीरव मोदी, विजय माल्या, मेहुल चोकसी आदि के मामलों से नहीं की जा सकती। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी पीएनबी घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। नीरव मोदी फिलहाल ब्रिटेन में जेल की सजा काट रहा है जबकि उसके मामा एंटीगुआ में रहते हैं। माल्या इस समय ब्रिटेन में हैं और वह 900 करोड़ रुपये से अधिक के कथित ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं। जिसकी जांच ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहे हैं।