बलरामपुर। जिले में युवक ने अपने चार वर्षीय बेटे की बेरहमी से गला रेंतकर हत्या कर दी। घटना की वजह अंधविश्वास बताया गया है। युवक की मानसिक स्थिति दो दिनों से ठीक नहीं थी। बीती रात उसने परिवारजनों से कहा था कि वह किसी की बलि देगा। रात को उसने चाकू से एक मुर्गे को काटा फिर अपने मासूम बेटे का गला काट दिया। मामला शंकरगढ़ थानाक्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, शंकरगढ़ थानाक्षेत्र अंतर्गत ग्राम महुआडीह निवासी कमलेश नगेशिया (26) दो दिनों से पागलां की तरह हरकत कर रहा था। उसने परिवारजनों के बीच कहा कि उसके कानों में अजीब सी आवाज सुनाई दे रही है, उसे किसी की बलि चढ़ाने के लिए कोई बोल रहा है।
बीती शाम कमलेश चाकू लेकर घूम रहा था एवं उसने परिवारजनों से कहा कि आज वह किसी की बलि लेगा। उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए परिवारजनों ने उसे नजरअंदाज कर दिया। रात को खाना खाने के बाद कमलेश नगेशिया की पत्नी अपने दोनों बच्चों को लेकर कमरे में सोने चली गई। कमलेश के भाईयों के परिवार बगल के घर में रहते हैं। वे भी रात को सोने चले गए।
रात को आंगन में लाकर काट दिया गला
देर रात कमलेश ने घर के आंगन में एक मुर्गे का गला काट दिया। फिर कमरे में जाकर वह अपने बड़े बेटे अविनाश (4) को उठाकर आंगन में ले आया। उसने बेरहमी से अपने बेटे अविनाश का चाकू से गला काट दिया। अविनाश की मौके पर ही मौत हो गई।
सुबह करीब चार बजे जब कमलेश की पत्नी की नींद खुली तो अविनाश बगल में नहीं मिला। उसने कमलेश से बेटे अविनाश के बारे में पूछा तो उसने पत्नी को बताया कि उसने अविनाश की बलि चढ़ा दी है।
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलने पर घर में कोहराम मच गया। सूचना पर शंकरगढ़ थाना प्रभारी जितेंद्र सोनी के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। बच्चे के शव को पंचनामा पश्चात् पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
थाना प्रभारी जितेंद्र सोनी ने बताया कि परिजनों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया गया है। आरोपी दो दिनों से ही अजीब हरकत कर रहा था। पहले वह ठीक था। बीती शाम भी परिवारजनों के सामने उसने किसी की बलि चढ़ाने की बात कही थी, लेकिन परिवारजनों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया।
मामले में पुलिस ने धारा 302, 201 का अपराध दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।