नईदिल्ली : इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी का एक डीप फेक वीडियो वायरल हुआ था। इसके लेकर अब उन्होंने हर्जाने की मांग की है। रिपोर्ट में कहा गया कि कथित एडल्ट वीडियो अपलोड करने के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल से पुलिस आरोपियों तक पहुंची। इस मामले में दो आरोपियों को पकड़ा गया है। आरोप है कि 40 साल के शख्स ने अपने 73 वर्षीय पिता के साथ मिलकर इस वीडियो को बनाया और इसे प्रसारित किया। फिलहाल अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक दोनों संदिग्धों पर मानहानि का आरोप है इसके लिए इतावली कानून के तहत उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है। अभियोग के मुताबिक ये डीपफेक वीडियो 2022 का है। जॉर्जिया मेलोनी के पीएम बनने से पहले इसे एक एडल्ट साइट पर अपलोड किया गया था। जहां पर इसे ‘लाखों बार’ देखा जा चुका है।
इटली पीएम मेलोनी इस मामले में 2 जुलाई को सार्डिनियन शहर की एक अदालत में गवाही देंगी। मेलोनी ने इस संबंध में 1 लाख यूरो का मुआवजा मांगा है। मेलोनी की कानूनी टीम के मुताबिक ये मुआवजा प्रतीकात्मक है।मेलोनी की वकील मारिया गिउलिया मारोंगिउ के मुताबिक मुआवजे की मांग का उद्देश्य ‘उन महिलाओं को एक संदेश भेजना है जो इस तरह के सत्ता के दुरुपयोग की शिकार हैं और आरोप लगाने से नहीं डरती हैं।’ यदि उनका दावा सफल होता है तो वे पुरुष हिंसा की शिकार महिलाओं की सहायता के लिए एक फंड में ये राशि दान कर देंगी।
क्या होता है डीपफेक?
डीपफेक एक एडिटेड वीडियो होता है जिसमें किसी एक व्यक्ति के चेहरे को किसी दूसरे के चेहरे से बदल दिया जाता है। डीपफेक वीडियो इतने सटीक होते हैं कि इन्हें आसानी से पहचाना नहीं जा सकता।
डीपफेक वीडियो और तस्वीर दोनों रूप में हो सकता है। इसे एक स्पेशल मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके बनाया जाता है जिसे डीप लर्निंग कहा जाता है। डीपफेक के लिए कई वेबसाइट्स और एप हैं जहां लोग डीपफेक वीडियोज बना रहे हैं।