आप नेताओं संग के. कविता ने रची थी साजिश, लाभ पाने के लिए दिए थे 100 करोड़ रुपये; ईडी का दावा

नईदिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया है कि बीआरएस नेता के कविता और कुछ अन्य लोगों ने आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये दिए। उन्होंने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में लाभ पाने के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया समेत अन्य बड़े नेताओं के साथ मिलकर यह साजिश रची। तेलंगाना पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की की बेटी व एमएलसी के के कविता (46) को ईडी ने पिछले हफ्ते उनके घर से गिरफ्तार किया था। के कविता 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगी।

ईडी ने दावा किया है कि के कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली शराब घोटाला में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर सादिश रची। इन अहसानों के बदले के कविता ने आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये भी दिए। ईडी ने कहा कि के कविता और उनके सहयोगियों ने आप को पहले ही भुगतान कर दिया। ईडी ने पिछले सप्ताह कविता की मांग की रिमांड करते हुए पीएमएलए अदालत को बताया था कि के कविता दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले की मुख्य साजिशकर्ता और लाभार्थी में से एक थी।

बता दें कि के कविता ने पहले कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है और आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि भाजपा तेलंगाना में पिछले दरवाजे से प्रवेश नहीं कर सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने के लिए ईडी और सीबीआई को अपने गुंडों के रूप में इस्तेमाल कर रही है। मामले में ईडी ने कहा कि उसने 2022 में मामला दर्ज होने के बाद से देश भर में 245 स्थानों पर तलाशी ली है। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया, आप नेता संजय सिंह और कुछ शराब सहित 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।

ईडी ने कहा कि उसने इस मामले में अब तक कुल छह आरोप पत्र दाखिल किए हैं और 128 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने की दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति ने गुटबंदी की अनुमति दी और कुछ डीलरों का पक्ष लिया, जिन्होंने कथित तौर पर इसके लिए रिश्वत दी थी। वहीं, आप ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया। बाद में इस नीति को रद्द कर दिया गया और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसके निर्माण और कार्यान्वयन में अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की सिफारिश की। बाद में ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।