अयोध्या: रामलला को भेंट करने के लिए सीताजी के मायके से आई सामग्री, जानें- क्या दी गई भेंट

अयोध्या।भगवान राम की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव से पूर्व अयोध्या नगरी उत्सव का केंद्र बन चुकी है. प्रतिदिन अयोध्या में तमाम ऐसे धार्मिक और पारंपरिक आयोजन हो रहे हैं जो अयोध्या की गरिमा और संस्कृति का परिचय कराती हैं. इसी कड़ी में भगवान राम के ससुराल जनकपुर से जनकपुरवासियों ने अपने जीजा के लिए उपहार भेजा है. शनिवार को दोपहर नेपाल स्थित जनकपुर से 200 से अधिक लोग भगवान राम को समर्पित करने के लिए बड़ी मात्रा में रत्न आभूषण मिष्ठान और उपहार लेकर अयोध्या पहुंचे.

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भगवान राम की ससुराल से आया धनुष बाण.

अयोध्या पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया है. यह सभी उपहार रामलला को समर्पित किए जाएंगे. भगवान राम को अपना जीजा मानते हुए नेपाल से आई महिलाओं ने गीत गाकर अयोध्या और जनकपुर के इस रिश्ते को एक भावपूर्ण रूप दे दिया. उपहार लेकर अयोध्या पहुंचे जनकपुर के महापौर मोहन ने बताया कि अयोध्या और जनकपुर का बेहद भावपूर्ण रिश्ता है. हम माता सीता को अपनी बहन और भगवान राम को अपना बहनोई मानते हैं.

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भगवान राम की ससुराल से आई चांदी की थाली.

अयोध्या और जनकपुर के बीच सिस्टर सिटी के रिश्ते को मजबूत करने के लिए हम अयोध्या पहुंचे हैं. हमारी भाषा में बहन और बेटी को भार दिया जाता है. इसीलिए आज हम भार लेकर अयोध्या पहुंचे हैं. भगवान श्री राम के मंदिर के उद्घाटन के मौके पर हम यह उपहार भेंट करने आए हैं. आज हम सभी बहुत प्रसन्न हैं कि भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है. अयोध्या और जनकपुर का यह रिश्ता और मजबूत हो, इसलिए हम सभी यहां पर आए हैं.

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नेपाल से आए भगवान राम के लिए आभूषण.

वहीं अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी ने बताया कि आध्यात्मिक नगरी अयोध्या का एक गौरवशाली इतिहास रहा है. श्री रामचरितमानस और महर्षि वाल्मीकि की रामायण में इस बात का उल्लेख प्रमाण है कि जनकपुर से माता सीता भगवान राम के साथ विवाह कर अयोध्या आईं थीं. इसलिए जनकपुर से हमारा बेहद भावपूर्ण रिश्ता है. उस रिश्ते को मजबूती देने की एक कड़ी आज और जुड़ गई है. हम सभी जनकपुर को लोगों का अयोध्या में स्वागत कर रहे हैं.

सीताजी के मायके से रामलला के लिए कपड़े, सर्दी में कार्यक्रम होने की वजह से गर्म कपड़े के तौर पर रामलला को कोट और ब्लेजर भी भेजा गया है। चांदी की थाल, सुहाग की निशानी और आभूषण सहित कई अन्य चीजें भेजी की गई हैं। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश भर में उत्साह का माहौल है तो राम नगरी में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 

ऐसी होगी गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की अचल मूर्ति
राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की मूर्ति श्यामल होगी। स्थापना के लिए तीन मूर्तिकारों ने अलग-अलग मूर्तियां बनाई हैं। उनमें से एक मूर्ति को स्वीकार कर लिया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को बताया कि पैर की अंगुली से लेकर ललाट तक रामलला की मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच होगी। इसके ऊपर मुकुट व आभामंडल होगा। 18 जनवरी को अचल मूर्ति को अपने आसन पर विराजित कर दिया जाएगा। यह अचल मूर्ति डेढ़ टन की और श्यामल पत्थर की है।