मुंबई में ‘इंडिया’ की दो दिवसीय बैठक आज से, 28 दल होंगे शामिल, संयोजक के नाम पर लग सकती है मुहर

मुंबई। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 2024 के लोकसभा चुनाव में चुनौती देने के लिए बने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की दो दिवसीय बैठक आज से मुंबई में होगी। इसमें इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) गठबंधन के संयोजक का नाम तय करने के अलावा समन्वय समिति का गठन किए जाने की उम्मीद है।

इस बैठक से पहले विपक्षी गठबंधन में शामिल दलों में पीएम पद के लिए दावेदारी पेश करने की होड़ देखने को मिली। कांग्रेस, जदयू और तृणमूल के बाद सपा, शिवसेना-यूबीटी और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी पीएम पद के लिए दावेदारी कर दी है। हालांकि गठबंधन के प्रमुख नेताओं ने इस मुद्दे को फिलहाल टालने की कोशिश की है। वहीं, आप ने सफाई पेश की है कि अरविंद केजरीवाल की ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीएम पद से जुड़े सवालों को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि गठबंधन ही पीएम पद का चेहरा है। 

बैठक में 28 दल होंगे शामिल 
विपक्षी एकता की बैठक में 28 दल शामिल होंगे। गठबंधन का नेता, संयोजक और समन्वय समिति के अलावा बैठक में ‘एक सीट एक उम्मीदवार’ के फ़ॉर्मूले के तहत चुनी गई 450 सीटों पर चर्चा हो सकती है। गठबंधन नेता पद की दौड़ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सबसे आगे बताए जा रहे हैं। 

गठबंधन में अभी सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं… 
इंडिया गठबंधन की बैठक से एक दिन पहले बुधवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन देश में राजनीतिक परिवर्तन लाएगा। उन्होंने कहा कि ‘इंडिया’ में सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। हम कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत गठबंधन को आगे ले जाएंगे। पवार ने विश्वास जताया कि विपक्षी गठबंधन राजनीतिक परिवर्तन लाने के लिए एक मजबूत विकल्प प्रदान करेगा। 

विचारधारा अलग, लक्ष्य एक… 
वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हुए हैं। हमारी विचारधारा भले ही अलग है, लेकिन हमारा उद्देश्य एक है लोकतंत्र की रक्षा। हम तानाशाही और जुमलेबाजी के खिलाफ हैं। 

चव्हाण बोले मिलकर लड़े तो जीतेंगे… 
कांग्रेस के बरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि विपक्षी पार्टियां मिलकर लड़ीं तो इंडिया गठबंधन चुनाव में जीत हासिल करेगा। 2019 में गैर-भाजपा दलों को 23 करोड़ मत मिले थे, जबकि भाजपा को 22 करोड़ वोट मिले थे।