छत्तीसगढ़: प्रदेश में तेज हुई चुनावी सरगर्मियां, इसलिए फिर पहुंच रहे खरगे-शाह; राहुल भी भरेंगे हुंकार

Election activities intensified in Chhattisgarh Mallikarjun Kharge-Amit Shah is reaching again

रायपुर। छत्तीसगढ़ में चुनाव की तैयारियों को देखते हुए बड़े नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। आठ सितंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राजनांदगांव पहुंच रहे हैं। वे किसानों और महिलाओं से संवाद करेंगे। बीते एक माह में खरगे का यह दूसरा दौरा है। वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी सितंबर माह में फिर राज्य के दौरे पर आएंगे। जबकि दो सितंबर को राहुल गांधी और 19 सितम्बर को केसी वेणुगोपाल फिर भी प्रदेश के दौरे पर रहेंगे।

प्रदेश में सभी विधानसभा क्षेत्र और वर्ग को साधने के लिए राजनीतिक पार्टियों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। हाल ही में 20 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में जनजातीय मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा के प्रदेश नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति भी तैयार की थी। सितंबर में शाह एक बार फिर छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि, वे इस दौरान पार्टी नेताओं के साथ अहम बैठक करेंगे। इसके अलावा एक रैली को भी संबोधित करेंगे। रैली कहां होगी इसे लेकर अभी मंथन चल रहा है।

इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आठ सितंबर को छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहेंगे।  वे राजनांदगांव के दौरे पर रहेंगे। एक माह के भीतर यह उनका दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 13 अगस्त को जांजगीर-चांपा आए थे। कांग्रेस सरकार के भरोसे के सम्मेलन में शामिल हुए थे। मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल के दौरे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और भूमिहीन श्रमिक न्याय योजना की राशि वितरण का कार्यक्रम महासमुंद में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोशिश यही होगी की कोई राष्ट्रीय नेता इसमें आ जाए इसके बाद जैसे-जैसे समय मिलेगा नेताओं का उसके हिसाब से कार्यक्रम होगा और सितंबर के पहले सप्ताह में राहुल गांधी के भी आने की संभावना है।

प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, भाजपा हो या कांग्रेस प्रदेश के क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर ही यहां नेताओं के दौरे तय किए जा रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का पहला दौरा अनुसूचित जाति बाहुल्य जांजगीर-चांपा जिले में हुआ था। वे पार्टी के प्रमुख और सबसे बड़ा दलित चेहरा हैं। इस क्षेत्र में बसपा के पारंपरिक वोटर है, जो उन्हें बढ़त दिलाते हैं। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर लगातार कमजोर होती बसपा की स्थिति का फायदा कांग्रेस उठाना चाहती है। इसलिए कांग्रेस द्वारा अपनी रणनीति के तहत जांजगीर-चांपा जिले में राष्ट्रीय अध्यक्ष की सभा कराई गई।

भाजपा-कांग्रेस के प्रभारी ने प्रदेश में जमाया डेरा
बीजेपी प्रदेश प्रभारी ओम माथुर लगातार छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा भी कांग्रेस के संकल्प शिविर में पहुंचकर नेताओं से लगातार फीडबैक ले रही हैं। दोनों नेता प्रदेश में ही डेरा जमाए हुए हैं। इसके अलावा दोनों पार्टियों का केंद्रीय नेतृत्व भी प्रदेश में पैनी नजर गड़ाए हुए है। जहां एक तरफ कांग्रेस नेता जनता को अपने भूपेश सरकार की साढ़े चार साल की उपलब्धियों को गिना रहे हैं, तो वहीं बीजेपी नेता मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रही है। केंद्रीय योजनाओं की सफलता गिना रही है।