रायपुर। विधानसभा चुनावों के लिए प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों ने राष्ट्रीय पार्टियों को अपनी मांगों और सुझावों को घोषणा पत्र में शामिल करने को कहा है। कर्मचारियों के मुताबिक कुछ विभागों के भर्ती नियमों को बदलकर सभी विभागों में नियमों में एकरूपता लाई जाए। उन्होंने शासन के आदेशों में सरलीकरण करने सात सदस्यीय कमेटी बनाने का फैसला भी लिया गया।
सरकार के घोषणापत्र में चार स्तरीय समयमान वेतनमान, अर्जित अवकाश 240 दिन के स्थान पर 300 दिन करने शासन को पत्र प्रेषित करने का निर्णय लिया गया। विभागों की ओर से कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट की आड़ में समय पर प्रमोशन और समयमान वेतनमान नहीं देने की समस्या का हल निकालने के लिए। कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट लिखने की प्रक्रिया को मंत्रालय की तरह ऑनलाइन करने का प्रस्ताव भी दिया है। छत्तीसगढ़ राजपत्रित अधिकारी संघ की प्रांतीय बैठक में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कई राष्ट्रीय पार्टी के घोषणा पत्र के लिए मुद्दे तय किए गए।
राजपत्रित अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल वर्मा और संगठन मंत्री नंदलाल चौधरी ने बताया कि शासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद उनके अधिकार के हनन का मुद्दे भी उठाया गया। उन्होंने कई नियमों का सरलीकरण करने आवश्यक संशोधन करने के भी सुझाव दिए। शासन को ऐसे निर्णय लेने से किसी भी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय भार भी नहीं आएगा।
ये मुद्दे भी –
– पीएससी से चयनित अधिकारियों को अलग-अलग विभागों में पदस्थ करने भर्ती नियमों में एकरूपता नहीं होने से अधिकारियों को समयमान वेतनमान और पदोन्नति का लाभ नहीं मिलता।
– समय पर विभागीय जांच पूरा नहीं करने का मुद्दा।
– ज्यादातर विभागों में राज्य बनने के वक्त का सेटअप, सेटअप में वृद्धि करने की आवश्यकता।
– प्रदेश में अलाइड सेवाओं से केवल तीन पद आईएएस अवॉर्ड होने पर अधिकारियों ने चिंता और नाराज़गी व्यक्त की।
– आईएएस के पदोन्नत पदों पर पारदर्शी व्यवस्था अपनाकर अन्य सेवाओं को प्रतिनिधित्व देने की मांग