ज्ञानवापी परिसर में सर्वे शुरू, याचिकाकर्ता बोले- हिंदुओं के लिए एक बहुत ही गौरवशाली क्षण

वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर का सर्वे एएसआई  की टीम ने शुरू कर दिया है। शासन ने शहर में हाई अलर्ट जारी किया है। हिंदू पक्ष ने जहां सर्वे में सहयोग की बात कही है वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज के आदेश के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देकर सर्वे की तिथि आगे बढ़ाने की मांग रखी है।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य ने कहा कि यह हमारे लिए हिंदू समुदाय और करोड़ों हिंदुओं के लिए एक बहुत ही गौरवशाली क्षण है। सर्वेक्षण ही इस ज्ञानवापी मुद्दे का एकमात्र संभावित समाधान है। 

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य स्थानों का वैज्ञाानिक सर्वे सोमवार सुबह सात बजे से शुरू हुआ। इसके लिए एएसआई की 30 सदस्यीय टीम दिल्ली, पटना और आगरा से रविवार रात बनारस पहुंच गई थी। इसकी पुष्टि जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने भी की है। हिंदू पक्ष ने जहां सर्वे में सहयोग की बात कही है। वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने जिला जज के आदेश के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का हवाला देकर सर्वे की तिथि आगे बढ़ाने की मांग रखी। साथ ही कहा कि सोमवार को सर्वे में शामिल नहीं होंगे और उसका बहिष्कार करेंगे। उधर, ज्ञानवापी परिसर के सर्वे को लेकर जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बीते 21 जुलाई को आदेश दिया था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित सील वजूखाने को छोड़कर शेष अन्य हिस्से का एएसआई वैज्ञानिक जांच करे। साथ ही रिपोर्ट बनाकर चार अगस्त तक दे और बताए कि क्या मंदिर तोड़कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई है।

रविवार देर रात हुई बैठक

इसी क्रम में रविवार को एएसआई के एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर प्रो. आलोक त्रिपाठी ने पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन और जिलाधिकारी एस राजलिंगम से मुलाकात करके सर्वे से जुड़े दोनों पक्षकारों की बैठक बुलाने का अनुरोध किया। एएसआई के कहने पर पुलिस आयुक्त और डीएम ने रविवार की देर रात अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और हिंदू पक्ष के साथ अलग-अलग बैठक की।

बैठक में अदालत के आदेश का हवाला देकर शांतिपूर्ण तरीके से सर्वे का काम संपन्न कराने में सहयोग की अपील की गई। डीएम एस. राजलिंगम ने बताया कि एएसआई की टीम शहर में आ गई है। अदालत के आदेशानुसार, सोमवार की सुबह से ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का काम शुरू होगा।

सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में एएसआई की 30 सदस्यीय टीम के अलावा हिंदू पक्ष की चार वादिनी महिला व उनके चार अधिवक्ता मौजूद रहेंगे। मसाजिद कमेटी से भी चार लोगों और उनके चार अधिवक्ताओं को रहने के लिए कहा गया है। इसके अलावा जिला शासकीय अधिवक्ता, राज्य सरकार के अधिवक्ता, केंद्र सरकार के अधिवक्ता, एडीएम सिटी और एक अपर पुलिस आयुक्त मौजूद रहेंगे। फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर कौन रहेंगे, इस संबंध में एएसआई को निर्णय लेना है।

एएसआई से सर्वे के खिलाफ मुस्लिम पक्ष पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर पूरे परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे संबंधी जिला जज की अदालत के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। मसाजिद कमेटी का कहना है कि एएसआई से सर्वे का आदेश देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की गई है। याचिका पर जल्द सुनवाई होने की उम्मीद है।