नई दिल्ली। गुजरात में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर करने व उन्हें सजा दिलाने वाले भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की है। उन्होंने उस मामले में कैविएट दायर की है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ गांधी की अपील पर सुनवाई करने का फैसला किया है।
गुजरात हाईकोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी
गौरतलब है, गुजरात हाईकोर्ट ने हाल ही में राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही सख्त टिप्पणी भी की थी। न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक ने कहा था कि राहुल के खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं। मौजूदा केस के बाद भी उनके खिलाफ कुछ और केस भी दर्ज हुए। ऐसा ही एक मामला वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है। न्यायमूर्ति ने आगे कहा था कि दोषसिद्धि से कोई अन्याय नहीं होगा। दोषसिद्धि न्यायसंगत एवं उचित है। पहले दिए गए आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है।
क्या है कैविएट याचिका?
कैविएट याचिका एक तरह का बचाव होता है ताकि कोर्ट किसी मामले में एक पक्षीय फैसला ना सुनाए। सिविल प्रोसीजर के कोड 148 (ए) के तहत कैविएट याचिका फाइल की जाती है। यदि पक्षकार हाजिर नहीं होता है तब कोर्ट ऐसे पक्षकार को एकपक्षीय कर अपना फैसला सुना देता है। सामान्य शब्दों में समझाया जाए तो एक वादी द्वारा कैविएट आवेदन यह सुनिश्चित करने के लिए दायर किया जाता है कि बिना सुने उसके खिलाफ कोई आदेश पारित न किया जाए।
यह है मामला
दरअसल, राहुल गांधी द्वारा 2019 में मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में मार्च में सूरत की अदालत ने उन्हें धारा 504 के तहत दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद राहुल की लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि राहुल ने अपनी इस टिप्पणी से समूचे मोदी समुदाय की मानहानि की है। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।