नई दिल्ली। भारत को पहली बार क्रिकेट विश्व कप जीते हुए 40 साल हो चुके हैं। 1983 में कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को हराकर खिताब अपने नाम किया था। उस विश्व कप में मिली हार को वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज एंडी रॉबर्ट्स अब तक नहीं भूल पाए हैं। उनका मानना है कि भारत किस्मत से चैंपियन बना था। रॉबर्ट्स को आधुनिक वेस्टइंडीज की तेज गेंदबाजी का जनक माना जाता है। वह 1975 और 1979 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे।
रॉबर्ट्स के रहते हुए वेस्टइंडीज की टीम 1983 में अपने खिताब का बचाव करने में असफल रही थी और फाइनल में भारत से हार गई थी। रॉबर्ट्स ने कहा कि फाइनल में किसी भी भारतीय क्रिकेटर ने उन्हें प्रभावित नहीं किया था। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ”हम फॉर्म में थे, लेकिन खराब खेल के कारण हारे। यह 1983 में भारत की किस्मत ही थी। हम 1983 में दो मैच हारे थे और दोनों भारत के खिलाफ गंवाए थे। इसके पांच या छह महीने के बाद हमने भारत को 6-0 से हराया था। 180 के करीब आउट होने के बाद भाग्य ने भारत का साथ दिया।”
क्यों मैच हार गई थी वेस्टइंडीज की टीम?
मैच के टर्निंग पॉइंट के बारे में बोलते हुए रॉबर्ट्स ने कहा कि विवियन रिचर्ड्स के आउट होने से खेल पर टीम की पकड़ कमजोर हो गई। उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है कि ऐसा तब हुआ जब विव रिचर्ड्स आउट हो गए। हम कभी मैच में वापस नहीं लौट पाए। फाइनल में एकमात्र अंतर यह था कि 1983 में हमने दूसरे पारी में बल्लेबाजी की। यही अंतर था।”
फाइनल में क्या हुआ था?
वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था। भारत ने 183 रन बनाए थे। क्रिस श्रीकांत ने 57 गेंद पर 38 रन बनाए थे। संदीप पाटिल ने 27 और मोहिंदर अमरनाथ ने 26 रन बनाए थे। जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 140 रन पर सिमट गई। भारत 43 रन से जीता था। अमरनाथ और मदन लाला ने तीन-तीन विकेट लिए थे। अमरनाथ प्लेयर ऑफ द मैच जीते थे।