भारत को दो दिन में दो झटके!: पहली बार तेल की खेप भेजने के बाद बोला रूस- पाकिस्तान से बढ़ाना चाहते हैं संबंध

Russia seeks expansion in ties with Pakistan says Foreign Minister Lavrov in apparent hit to India relations n

इस्लामाबाद। रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच लगातार बदलती वैश्विक परिस्थितियों का असर अब एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र में भी दिखने लगा है। खासकर भारत के कुछ देशों से रिश्तों में तेजी से बदलाव देखा जा रहा है। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते अमेरिका के पहले राजकीय दौरे पर जाएंगे, वहीं दूसरी तरफ रूस ने पहली बार कच्चे तेल की खेप पाकिस्तान को भेज कर अपने रिश्तों की नई इबारत लिख दी है। इतना ही नहीं अब तक भारत के साथ रिश्तों की मिसाल देने वाले रूस ने अब पाकिस्तान के साथ रिश्ते बढ़ाने में भी दिलचस्पी दिखाई है, जो कि भारत के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। 

रूस को लेकर क्या हैं भारत के लिए बड़े झटके की बात? 
गौरतलब है कि सोमवार को ही रूस से सस्ते कच्चे तेल की पहली खेप कराची बंदरगाह पहुंची थी। भारत के लिए इसे एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि रूस और भारत के संबंध मजबूत रहे हैं और वाणिज्यिक तौर पर मॉस्को और इस्लामाबाद काफी करीब नहीं रहे। हालांकि, चीन के कहने पर अब रूस ने पाकिस्तान को भी कच्चे तेल की खेप भेजी है, जो कि भारत के हितों के लिए चुनौती पेश करने वाली बात है।  

विदेश मंत्री के बयान ने बढ़ाई भारत की चिंता 
इस बीच मंगलवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बयान ने मॉस्को-दिल्ली के रिश्तों को लेकर भारत की चिंता बढ़ा दी है। लावरोव ने कहा कि रूस आगे भी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंध बढ़ाने पर जोर देगा। लावरोव का यह बयान पाकिस्तान और रूस के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 साल पूरे होने के मौके पर आया। उन्होंने कहा कि रूस ने पाकिस्तान को हमेशा आतंकवाद और सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए एक अहम अंतरराष्ट्रीय साझेदार के तौर पर देखा है। 

लावरोव ने आगे कहा, “हम जानते हैं कि रूस और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए पाकिस्तानियों में काफी रुचि और सम्मान है।” उन्होंने कहा कि पिछली सदी के तीन-चौथाई काल में हमारे द्विपक्षीय संबंधों ने कई उतार-चढ़ाव देखे। रूस हमेशा से पाकिस्तान के साथ संबंध बढ़ाना चाहता है और हम कभी अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे नहीं हटे।