
नई दिल्ली। भारतीय टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल हार चुकी है। ऑस्ट्रेलिया ने खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया को 209 रन से हरा दिया। इस हार के बाद भारतीय टीम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मैच के बाद रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी टीम को तैयारी के लिए 20-25 दिन का समय चाहिए था। ऐसे में वह किसको दोष देने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि उनकी टीम के बाकी खिलाड़ी और वह खुद आईपीएल खेलने में व्यस्त थे।
रोहित शर्मा यह बयान देकर खुद ही जाल में फंस चुके हैं। डब्ल्यूटीसी फाइनल से 20-25 दिन पहले भारतीय टीम के खिलाड़ी आईपीएल खेलने में व्यस्त थे। टीम के ज्यादातर खिलाड़ी मैच से सिर्फ छह-सात दिन पहले लंदन पहुंचे थे। वहीं, दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर खिलाड़ियों ने आईपीएल छोड़ टेस्ट फाइनल की तैयारी शुरू कर दी थी।
आईपीएल 2023 से पहले रोहित शर्मा का बयान
आईपीएल 2023 से पहले रोहित ने वर्कलोड मैनेजमेंट और लीग को लेकर बयान दिया था। उस वक्त टीम इंडिया अपने घर में ऑस्ट्रेलिया से 2-1 से वनडे सीरीज हारी थी। ऐसे में कई पूर्व क्रिकेटर्स का कहना था कि वर्ल्ड कप के लिए तय खिलाड़ियों को आईपीएल जैसे टूर्नामेंट से आराम लेना चाहिए, ताकि वह WTC फाइनल जैसे अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए तरोताजा रह सकें। हालांकि, भारतीय कप्तान रोहित ने इसके विपरीत बयान दिए थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं लगता है कि कोई खिलाड़ी वर्कलोड मैनेज करने के लिए आईपीएल से दूर होगा।
रोहित ने वर्कलोड को लेकर आईपीएल से पहले क्या कहा था?
रोहित ने कहा- सभी खिलाड़ियों को काफी अनुभव। इसलिए उन्हें अपने शरीर की देखभाल खुद करनी होगी और अगर उन्हें लगता है कि यह नहीं हो पा रहा है, तो वे हमेशा इसके बारे में बात कर सकते हैं और आईपीएल में एक या दो गेम में ब्रेक ले सकते हैं। हालांकि, मुझे संदेह है (अगर) ) कि ऐसा होगा लेकिन…। इसके बाद रोहित चुप हो गए थे। 31 मार्च से लेकर 28 मई (29 मई को रिजर्व डे पर नतीजा आया) तक लगभग दो महीने आईपीएल चला और चेतेश्वर पुजारा को छोड़कर बाकी सभी खिलाड़ियों ने लीग में हिस्सा लिया, जबकि उन्हें पता था कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तैयारी के लिए उन्हें एक हफ्ते से भी कम समय मिलेगा।
रोहित ने फ्रेंचाइजी को दिए थे ‘संकेत’
रोहित ने आईपीएल शुरू होने से पहले कहा था कि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने वनडे वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों के वर्कलोड मैनेजमेंट के बारे में आईपीएल फ्रेंचाइजी मालिकों को ‘संकेत’ दिए हैं। रोहित ने कहा- यह सब अब फ्रेंचाइजी पर निर्भर है। फ्रेंचाइजी अब उन्हें (खिलाड़ियों को) अपनाती हैं, इसलिए हमने टीमों को कुछ संकेत दिए हैं। हालांकि, अंतिम फैसला फ्रेंचाइजी पर निर्भर है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खिलाड़ियों को अपने शरीर का ख्याल रखना होगा। अब जब टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप हार गई है तो रोहित का कहना है कि उनकी टीम को 20-25 दिन तैयारी के लिए चाहिए था।
फाइनल में खेल रहे ये भारतीय खिलाड़ी आईपीएल का हिस्सा था

विराट कोहली और रोहित शर्मा – फोटो : IPL/BCCI
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेल रही भारतीय टीम में से खुद कप्तान रोहित (मुंबई इंडियंस), शुभमन गिल (गुजरात टाइटंस), विराट कोहली (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर), अजिंक्य रहाणे (चेन्नई सुपर किंग्स), केएस भरत (गुजरात टाइटंस), रवींद्र जडेजा (चेन्नई सुपर किंग्स), शार्दुल ठाकुर (कोलकाता नाइट राइडर्स), मोहम्मद शमी (गुजरात टाइटंस), मोहम्मद सिराज (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) और उमेश यादव (कोलकाता नाइट राइडर्स) आईपीएल खेल रहे थे।
ज्यादातर खिलाड़ी एक हफ्ते पहले लंदन पहुंचे
इस साल प्लेऑफ में गुजरात, चेन्नई, लखनऊ और मुंबई की टीम पहुंची थी। रोहित की टीम मुंबई जहां 26 मई को गुजरात से क्वालिफायर-2 में हारकर बाहर हुई थी। वहीं, कोलकाता की टीम 20 मई को लीग राउंड का आखिरी मैच खेली थी। इसके बाद उमेश और शार्दुल लंदन पहुंच गए थे। वहीं, कोहली की बैंगलोर ने 21 मई को आखिरी मैच खेला था। इसके बावजूद कोहली और सिराज WTC फाइनल से 10 दिन पहले ही इंग्लैंड पहुंच पाए। गुजरात और चेन्नई के खिलाड़ी तो 29 मई को आईपीएल फाइनल खेल रहे थे। ज्यादातर खिलाड़ी टेस्ट फाइनल से एक हफ्ते पहले इंग्लैंड पहुंचे।
फाइनल खेलने वाले ये ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी आईपीएल में खेले

वॉर्नर और ग्रीन – फोटो : IPL/BCCI
वहीं, दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने आईपीएल से दूरी बनाई थी। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की ऑस्ट्रेलियाई प्लेइंग-11 के सिर्फ दो खिलाड़ी ही आईपीएल में खेले। जहां स्टीव स्मिथ, मार्नस लाबुशेन जैसे खिलाड़ियों को ऑक्शन में किसी फ्रेंचाइजी ने नहीं खरीदा, वहीं कप्तान पैट कमिंस ने आईपीएल से ही दूरी बनाई और ऑक्शन में नाम नहीं दिया। कमिंस ने कहा भी कि इससे टेस्ट फाइनल के लिए तैयारी करने में मदद मिली। सिर्फ डेविड वॉर्नर (दिल्ली कैपिटल्स) और कैमरन ग्रीन (मुंबई इंडियंस) ही आईपीएल में खेले। बाकी नौ खिलाड़ी इंग्लैंड पहुंचकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तैयारी में जुट गए थे। कई ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने तो अपने देश में ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। इसका फायदा उन्हें मिला और टीम चैंपियन बन गई।