छत्तीसगढ़: माता कौशल्या महोत्सव का समापन, लेजर-साउंड शो से जान सकेंगे माता कौशल्या की जीवनी; चंदखुरी में CM बघेल ने किया लोकार्पण

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भगवान श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में  तीन दिवसीय माता कौशल्या महोत्सव  का आज समापन किया. माता कौशल्या महोत्सव को महिला सशक्तिकरण की थीम पर मनाया गया. आस्था और भक्ति से ओतप्रोत इस महोत्सव में छत्तीसगढ़ सहित देश के ख्याति प्राप्त कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन भी किया.

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माता कौशल्या की जन्मभूमि चंदखुरी के वैभव को विश्व पटल पर स्थापित करने, प्रदेश की कला, संस्कृति एवं पर्यटन को बढ़ावा देने, महिला सशक्तिकरण, कार्यशील कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन एवं कला दलों के सतत् विकास के लिए इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर माता कौशल्या महोत्सव मनाने की घोषणा की थी.

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत चंदखुरी के कौशल्या धाम परिसर में माता कौशल्या महोत्सव के पहले 9 करोड़ 88 लाख  रूपए की लागत से तैयार वॉटर, लेजर, लाईट एवं साउण्ड शो का शुभारंभ किया. लोकार्पण के बाद मुख्यमंत्री बघेल स्वयं दर्शक दीर्घा में पहुंचे और लेजर साउंड शो का लुत्फ उठाया. समारोह के आखिरी दिन लेजर साउंड शो के शुरू होने से श्रद्धालुओं को एक नए रोमांच का अनुभव देखने को मिला.

माता कौशल्या धाम में शुरू हुए वाटर, लाईट, लेजर एंड साउंड शो के माध्यम से श्रद्धालु भगवान श्रीराम के वनवास और वन गमन पथ की कहानियां सुन और देख सकेंगे. इस शो में माता कौशल्या के जीवन चरित्र का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा,  जिसे तीन चरणों में प्रस्तुत किया जा रहा है. पहला चरण 10 मिनट का है. इसमें माता कौशल्या धाम चंदखुरी को आधार बनाकर माता कौशल्या के जन्म से लेकर विवाह और पुत्र जन्म तक का फिल्मांकन किया गया है.

राम वनगमन पर्यटन परिपथ की दिखेगी झलक

दूसरा चरण 15 मिनट का है. इसमें राम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत वर्तमान में चिन्हांकित 10 स्थलों के प्राचीन महत्व पर आधारित फिल्म का निर्माण किया गया है. तीसरे और अंतिम चरण में पर्यटकों को छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, खान-पान, जनजातीय जीवन शैली और विकास से संबंधित जानकारी मूलक फिल्म का निर्माण किया गया है. इस चरण की अवधि लगभग 15 मिनट की है. इन तीन चरणों के अलावा लगभग 10 मिनट की अवधि का म्यूजिकल फाउण्टेन की भी प्रोग्रामिंग की गई है. इसमें छत्तीसगढ़ के राज्य गीत के अलावा छत्तीसगढ़ की लोकशैली पर आधारित म्यूजिक, बॉलीवुड / देशभक्ति गानों को शामिल किया गया है.

छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का उठा सकेंगे लुत्फ

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माता कौशल्या महोत्सव के समापन अवसर पर मंदिर परिसर में स्थित पर्यटन विभाग द्वारा तैयार टूरिज्म कैफे का भी उद्घाटन किया. पयर्टन कैफे शुरू होने से अब यहां आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को छत्तीसगढ़ी व्यंजन सहित मिलेट्स से तैयार किए गए खाद्य उत्पाद उपलब्ध होंगे. इस कैफे के शुरू होने से श्रद्धालुओं को छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा और पर्यटक भी छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से रूबरू हो सकेंगे.

राजधानी से 27 किमी दूर है कौशल्या धाम

चंदखुरी स्थित माता कौशल्या धाम,  राम वनगमन पर्यटन परिपथ का अति महत्वपूर्ण स्थल है. यह स्थल राजधानी रायपुर से मात्र 27 किमी की दूरी पर स्थित है. 126 तालाबों वाले इस गांव में जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का एतिहासिक मंदिर स्थित है, जो पूरे भारत में सिर्फ यहीं पर है. प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा इस मंदिर को दुर्लभ बनाती है.