मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिक्का उछालकर कबड्डी मैच का टॉस किया।
रायपुर। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के फाइनल प्रतियोगिताओं का रविवार को आगाज हो गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के बलवीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने क्लस्टर स्तर से राज्य स्तर की प्रत्येक प्रतियोगिता में पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। अभी तक केवल राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में विजेताओं को नगद पुरस्कार देने का प्रावधान था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भेंट-मुलाकात के दौरान कई प्रतिभागी उनसे मिलने पहुंचे थे। वहां बात आई कि क्लस्टर और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार नहीं मिला। मुख्यमंत्री बोले, अधिकारियों ने ईनाम राशि घोषित करते समय थोड़ी कंजूसी कर दी थी। आज यहां से घोषणा करता हूं कि क्लस्टर, ब्लॉक, जिला, संभाग से राज्य स्तर तक की प्रतियोगिता में जो भी प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार पाया है, उसको नकद पुरस्कार दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, एससीएस मैडम (खेल एवं युवा कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्लै) भी यहीं हैं। सारे अधिकारी आज की बैठक कर पुरस्कार राशि का प्रस्ताव बनाएं। मंत्री जी से अप्रूवल लेकर उसे पेश करें।
खिलाड़ियों ने मार्चपास्ट में उत्साह दिखाया।
मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने बड़े ही उत्साह के साथ भागीदारी निभाई है। राज्य स्तरीय स्पर्धा में 6 वर्ष की बेटी फुगड़ी में और 65 वर्ष के बुजुर्ग गेंडी दौड़ में हिस्सा ले रहे हैं। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु के लोगों ने अपने-अपने वर्गों में भाग लिया। प्रदेश में खेलों के लिए उत्साहजनक वातावरण बना, खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। आयोजन में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए नकद पुरस्कार की घोषणा की।
घुंघट से मैदान तक पहुंची महिलाएं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन से उन लड़कियों को मौका मिला है जो ससुराल जाने के बाद अपना प्रिय खेल नहीं खेल पाई थीं। इस आयोजन की वजह से घुंघट में रहने वाली बहुएं मैदान में उतरीं। भेंट-मुलाकात में कई जगह ऐसी महिलाओं ने उनसे मुलाकात की। अपना अनुभव सुनाया। उनका कहना था, यह आयोजन बंद नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, मैं विश्वास दिलाता हूं यह आयोजन बंद नहीं होगा। हर साल सितम्बर-अक्टूबर में इसका आयोजन पूरी भव्यता से होगा। इस साल इस प्रतियोगिता का समापन 10 जनवरी को होना है। समापन समारोह भी इनडोर स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा।
कबड्डी के दांव दिखाते खिलाड़ी।
मुख्यमंत्री ने कबड्डी का टॉस कर किया उद्घाटन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कबड्डी के मैट पर सरगुजा और बिलासपुर संभाग के बीच पहले मैच का टॉस किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और सभी को बेहतर प्रदर्शन की शुभकामना दी।
महिला कबड्डी टीम भी काफी उत्साहित दिखी।
तीन मैदानों में होनी है ये खेल प्रतियोगिताएं
बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम – फुगड़ी, बिल्लस, भंवरा, बाटी और कबड्डी के मैच होंगे।
छत्रपति शिवाजी महाराज आउटडोर स्टेडियम – 100 मीटर दौड़, लंबी कूद, संखली, रस्साकशी, लंगडी, पिट्ठुल और गेंडी दौड़ की प्रतियोगिता होगी।
माधव राव सप्रे स्कूल मैदान – खो-खो और गिल्ली डंडा के मैच खेले जा रहे हैं।
छह अक्टूबर से शुरू हुई थीं प्रतियोगिताएं
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का पहला आयोजन पिछले साल 6 अक्टूबर से शुरू हुआ था। सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर के आयोजन हुए। यह प्रतियोगिता 11 अक्टूबर तक चली। उसके बाद जोन स्तर के आयोजन 15 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक खेले गये। विकासखंड स्तर पर खेल 27 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक चले। जिला स्तर पर 17 नवम्बर से 26 नवम्बर तक प्रतियोगिताएं हुईं। संभाग स्तर पर आयोजन 5 दिसम्बर के बाद हुआ।
बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने लिया हिस्सा
इस प्रतियोगिता में तीन आयु वर्ग को शामिल किया गया था। इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, फिर 18-40 वर्ष आयु सीमा तक, वहीं तीसरा वर्ग 40 वर्ष से अधिक उम्र के लिए है। इस प्रतियोगिता में महिला एवं पुरुष दोनों वर्ग में प्रतिभागी होंगे। इसमें सबसे छोटी खिलाड़ी 6 वर्ष की है। वह फुगड़ी में भाग ले रही है। वहीं सबसे बुजूर्ग खिलाड़ी 65 साल के हैं। उनको गेंड़ी दौड़ में हिस्सा लेना है। इस प्रतियोगिता में 26 लाख खिलाड़ी शामिल हुए हैं। राज्य स्तरीय आयोजन में ही लगभग 1900 प्रतिभागी शामिल हैं।