रायपुर। छत्तीसगढ़ में दूसरे एम्स खोलने की सुगबुगाहट शुरू हुई है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस एम्स को बिलासपुर में स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को एक पत्र भी लिखा है। सिंहदेव का कहना है कि बिलासपुर में एम्स खुलने से उस क्षेत्र के छह जिलों के अलावा मध्यप्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के लोगों का इलाज आसान हो जाएगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने लिखा है, केंद्र सरकार अगर भविष्य में एक और नये एम्स की स्थापना पर विचार कर रही है तो बिलासपुर इसके लिए जन आकांक्षाओं के अनुरुप होगा। बिलासपुर जिला और संभाग का मुख्यालय है। यह मुंबई-हाबड़ा रेल मार्ग का जंक्शन है। यहां से हवाई सेवा भी शुरु हो चुकी है और सड़क से भी हर क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
उच्च न्यायालय, एसईसीएल और दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे का मुख्यालय भी बिलासपुर में स्थित है। सरगुजा संभाग के छह जिलों अलावा दूसरे छह जिले भी बिलासपुर से लगे हुए हैं। यहां एम्स की स्थापना होने से बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ सहित सरगुजा संभाग के छह जिलों के लोगों को भी फायदा होगा। इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के लोग भी यहां चिकित्सा सुविधा का लाभ उठा पाएंगे।
बिलासपुर में जमीन सहित सभी संसाधन उपलब्ध
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने पत्र में लिखा है, बिलासपुर में एम्स की स्थापना के लिए जरूरी जमीन और दूसरे संसाधन मौजूद हैं। बस्तर संभाग में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज और सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल के साथ कांकेर का नया मेडिकल कॉलेज मौजूद है। ऐसे में बिलासपुर में एम्स की स्थापना से पूरे प्रदेश को फायदा होगा।
बस्तर-सरगुजा की रायपुर से दूरी का हवाला भी दिया
स्वास्थ्य मंत्री ने बिलासपुर को उपयुक्त बताने के लिए बस्तर-सरगुजा से रायपुर एम्स की दूरी का भी हवाला दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा है, प्रदेश को पांच संभागों में बांटा गया है। दक्षिण में बस्तर संभाग की रायपुर से दूरी 303 किमी है। वहीं उत्तर में सरगुजा संभाग से यह दूरी 337 किमी है। जनसंख्या की दृष्टिकोण से बिलासपुर दूसरा सबसे बड़ा संभाग है। यहां की आबादी एक करोड़ एक लाख 19 हजार से अधिक है।
2012 में स्थापित हुआ था रायपुर एम्स
रायपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स की स्थापना 2012 में हुआ था। पिछले 10 सालों में यह प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान बन चुका है। ;इसकी ओपीडी में रोजाना औसतन 2200 लोग रोजाना पहुंच रहे हैं। मेडिसिन, स्त्री रोग, ऑर्थोपेडिक, ईएनटी और त्वचा रोग जैसे विभागों में सबसे अधिक भीड़ है।