रायपुर। छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन जुआ-सट्टा के कारोबार को रोकने की कोशिश में सरकार छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध विधेयक ले आई है। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बुधवार को इस प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया। जिस समय यह विधेयक पारित हुआ उस समय भाजपा के विधायक चावल घोटाले से जुड़े आरोपों को लेकर गर्भगृह में धरना दे रहे थे। ऐसे में मुख्य विपक्ष इस विधेयक की प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हुआ। इस दौरान केशकाल से कांग्रेस विधायक संतराम नेताम को विधानसभा उपाध्यक्ष चुन लिया गया।
दोपहर बाद विधानसभा की कार्यवाही तीसरी बार शुरू हुई तो भी माहौल नहीं बदला। भाजपा विधायक गर्भगृह में धरने पर बैठ गए। वे वहीं से नारेबाजी करते रहे। इस बीच गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में जुआ प्रतिषेध विधेयक को पेश किया। उन्होंने विधेयक की जरूरत पर अपनी बात रखते हुए कहा, प्रदेश में ऑनलाइन जुआ-सट्टा कारोबार को नियंत्रित करने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है। ऐसे में इस कानून की जरूरत है। इस विधेयक को एक घंटे की चर्चा प्रस्तावित थी।
लेकिन विपक्ष के गर्भगृह में होने की वजह से बिना चर्चा के ही विधेयक को पारित करा लिया गया। उसके बाद आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने अनाधिकृत विकास के नियमितीकरण विधेयक पेश किया। यह विधेयक भी बिना चर्चा के पारित करा लिया गया। इस बीच भाजपा का हंगामा जारी रहा। भाजपा ने विपक्ष को विश्वास में लिये बिना विधानसभा के संचालन का आरोप लगाया। भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, आसंदी पर विपक्ष का अपमान करने का आरोप लगाया। उसके बाद भाजपा विधायक विरोध जताते हुए सभा कक्ष से बाहर चले गए। कार्यसूची का काम पूरा होते ही विधानसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने की विपक्ष के आचरण की निंदा
प्रश्नकाल में सत्ता पक्ष की टोका-टाकी पर विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था दी है। भाजपा ने इसपर व्यवस्था देने की मांग की थी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा, प्रश्नकाल में व्यवस्था का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। निलंबन के बाद भी विपक्ष के सदस्यों ने आसंदी के प्रति अशिष्ट अशोभनीय आचरण किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी घोर निन्दा की।
संतराम निर्विरोध निर्वाचित
उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचन की प्रक्रिया को एक ही दिन में पूरा करा लिया गया। तय था कि चार जनवरी को नामांकन होगा। पांच जनवरी को जरूरत पड़ी तो निर्वाचन होगा। लेकिन बुधवार को विधानसभा सचिवालय को केवल संतराम नेताम का नामांकन मिला। उसके बाद बुधवार दोपहर बाद निर्वाचन की प्रक्रिया भी पूरी करा ली गई। केशकाल विधायक संतराम नेताम को निर्विरोध विधानसभा का उपाध्यक्ष घोषित कर दिया गया।