नारायणपुर। धर्मांतरण के आरोप में बवाल के बाद इलाके में अब भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। सुरक्षा के लिहाज से शहर सहित आसपास के इलाके में करीब 5 हजार जवानों की तैनाती की गई है। शांति नगर और बंगला पारा वार्ड में हालात सबसे ज्यादा खराब थे। इस मामले में 35 से 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है। लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
आदिवासी समाज ने धर्मांतरण के मामले को लेकर सोमवार को बंद का आह्वान किया था। पुलिस फोर्स को गुमराह करने के लिए 4 गुट के सदस्य अलग-अलग जगहों पर मौजूद थे। उपद्रवियों के हाथों में कुल्हाड़ी, फरसा, रॉड और लाठियां थी। चर्च में घुसी भीड़ में महिलाएं भी शामिल थीं।
नारायणपुर में हुए उपद्रव के बाद शहर में सन्नाटा पसरा हुआ है। चप्पे-चप्पे में जवानों की तैनाती की गई है। चर्च के बाहर भी जवानों को तैनात किया गया है। बस्तर IG सुंदरराज पी समेत 4 IPS ऑफिसर मौके पर मौजूद रहे। मामले के संबंध में पुलिस और प्रशासन के अफसरों की हाई लेवल मीटिंग भी हुई है।
कुछ ऐसी थी चर्च की हालत
जब पत्रकार शहर के एक चर्च में पहुंचे तो यहां चारों तरफ कांच बिखरा हुआ था। खिड़कियां टूटी हुईं थी। दरवाजे टूटे हुए थे। मसीह समाज के धार्मिक ग्रंथ, फोटो और मूर्तियों के साथ भी तोड़-फोड़ की गई थी। चर्च के अंदर कुर्सियां, टेबल, माइक सिस्टम समेत अन्य सामान तहस-नहस थे। डर की वजह से दिन में मसीह समाज के सदस्य चर्च के अंदर तक नहीं आए। लेकिन, जब पत्रकार चर्च पहुंचे तो हमें देख कर पीछे की तरफ से कुछ लोग पहुंचे।
TI को इस तरह पटक-पटककर ग्रामीणों ने मारा।
हालांकि, सभी डरे हुए थे। कुछ भी कहने से मना कर दिया। बस टूटे-फूटे सामानों और धार्मिक ग्रंथों को उठाकर सुरक्षित रखने लगे थे। चर्च के पास स्थित अन्य कमरों में भी उपद्रवी घुसे थे। वहां भी सारा सामान तोड़ा गया। दरअसल यह वही चर्च है जहां भीड़ को रोकने के लिए जुटे SP सदानंद कुमार समेत पुलिस जवानों की भी लाठियों से पिटाई की गई थी। थानेदार को पटक-पटककर मारा था।
कुछ लोगों ने फोटो लेने से किया मना
चर्च से निकलने के बाद जब पत्रकार शहर के अन्य इलाकों में गए और सुनसान गलियों की वीडियो और तस्वीरें लेने लगे तो दो युवक बाइक से उनके पास पहुंचे और उन्होंने उनका परिचय पूछा। फिर फोटो वीडियो लेने से मना कर दिया। ये लोग कौन थे? किस समुदाय से थे? इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी। बहरहाल तनावपूर्ण स्थित को देखते हुए पत्रकार भी वहां से निकल गए और दूसरी तरफ चले गए थे।
CCTV फुटेज।
2 इलाके ऐसे जहां स्थिति ज्यादा खराब
शहर के शांति नगर वार्ड और बंगलापारा वार्ड में स्थित ज्यादा खराब नजर आई। इन दोनों वार्डों में चप्पे-चप्पे पर जवानों को तैनात किया गया था। हमें ऐसी सूचना मिली थी कि इन इलाकों में रात में उपद्रवी घुस गए हैं। सड़कें वीरान थी। हालांकि, यहां पुलिस की पेट्रोलिंग वाहन भी घूम रही थी। रात में कुछ लोगों को पकड़ा भी गया है।
सर्व आदिवासी समाज ने की निंदा
इस मामले के बाद सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल में जाकर तोड़-फोड़ करना गलत है। इस घटना के पीछे सर्व आदिवासी समाज का नाम आ रहा है। लेकिन, हमारे लोगों ने ऐसा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे कौन लोग थे, हमें नहीं पता है। सर्व आदिवासी समाज ने इस घटना की निंदा की है।
घटना के बाद बस स्टैंड में भी वीरानी छाई रही।
हिरासत में भाजपा के जिला अध्यक्ष
बताया जा रहा है कि, ग्रामीणों के इस विरोध के पीछे कुछ राजनीतिक संगठन का भी हाथ था। जब मामले ने उग्र रूप लिया और पुलिस वालों को पीटना शुरू किया तो पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष रूप सिंह सलाम को भी हिरासत में लिया गया है। हालांकि, इस मामले की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
चर्च में की गई तोड़-फोड़ की घटना में कई महिलाएं भी शामिल थीं।
चर्च में हुई तोड़फोड़ की घटना का CCTV फुटेज मिला है। इसमें चर्च का गेट तोड़कर अंदर घुसते कुछ लोग नजर आ रहे हैं। कुछ के हाथों में लाठियां हैं तो कुछ ने लोहे का सामान पकड़ा हुआ है। चर्च के अंदर जमकर तोड़-फोड़ की गई। इधर, पुलिस इस मामले के बाद उपद्रवियों की तलाश में जुट गई है।
चर्च के बाहर तैनात जवान।
मामले ने ऐसे पकड़ा तूल
दरअसल, जिले के एक गोर्रा गांव में धर्मांतरित लोगों और ग्रामीणों ने बैठक रखी गई थी। इसमें धर्मांतरित परिवारों को मूल धर्म में लौटने कहा गया। लेकिन, यहां विवाद इतना बढ़ गया कि मामले ने तूल पकड़ लिया। दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। जिसके बाद सोमवार को ग्रामीणों ने जिला बंद का आह्वान कर दिया था।