छत्तीसगढ़ः भाजयुमो की लिस्ट पर बवाल, 4 महीने पहले पार्टी में आई खुशबू को बनाया उपाध्यक्ष, निष्क्रिय सदस्यों को अहम पद बांटे

रायपुर। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों की सूची जारी कर दी गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव की सहमति से लिस्ट जारी की गई है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत की ओर से नए पदाधिकारियों के नाम जारी किए गए हैं। इस लिस्ट का कई महीनों से प्रदेश के युवा भाजपा नेताओं को इंतजार था।

गुरुवार देर रात जैसे ही ये लिस्ट आई चंद मिनटों में सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया । खुलकर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अनुचित लोगों को अहम पद दिए का विरोध किया। खुद पार्टी के कार्यकर्ता दावा कर रहे हैं कि निष्क्रिय लोगों को महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मा दिया गया जो ठीक नहीं है। कुछ ने तो हैलीकॉप्टर लैंडिंग जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया।

ABVP को तरजीह
प्रदेश युवा मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों की नई लिस्ट में तकरीबन सभी पुराने नामों को बदल दिया गया है। युवा मोर्चा के सेकंड लाइन के नेता अपनी बारी का इंतजार करते रह गए मगर पद ABVP वाले ले गए। लिस्ट में शामिल 57 नामों में से 80% नाम ऐसे हैं जो अब तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की गतिविधियों में सक्रिय रहे।युवा मोर्चा के कार्यकर्ता इसे लेकर भी सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए लिख रहे हैं लगता है अब एबीवीपी में ही काम करना होगा।

खुशबू बंजारे का भी विरोध
पार्टी सूत्रों ने बताया कि 4 महीने पहले ही खुशबू बंजारे ने भाजपा ज्वाइन की है। बलौदाबाजार इलाके की रहने वाली खुशबू बंजारे इससे पहले कांग्रेस समर्थक मानी जाती रही है । अब उन्हें युवा मोर्चा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया जाना लंबे समय से युवा मोर्चा के लिए काम कर रहे कार्यकर्ताओं को खटक रहा है।

विकास मित्तल का भी विरोध
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी विकास मित्तल को दी गई है । पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि विकास मित्तल पिछले करीब 1 साल से पार्टी की किसी भी गतिविधि में सक्रिय ही नहीं थे। कार्यकर्ताओं ने बताया कि विकास ना तो किसी विरोध प्रदर्शन में पहुंचते थे ना ही संगठन की जरूरी बैठकों में नजर आते थे, बावजूद इसके अचानक उन्हें यह पद सौंप दिया गया है । विकास मित्तल के पिता कर चोरी के मामले में गिरफ्तार भी हो चुके हैं, इस वजह से उनकी छवि को लेकर भी कार्यकर्ताओं में रोष है।

सोशल मीडिया पर फूटा कार्यकर्ताओं का गुस्सा

सबकी सहमति से तय हुए नाम
युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत ये दावा करते रहे हैं कि इन नामों को लेकर विवाद नहीं रहा। सभी की सहमति से नाम प्रदेश अध्यक्ष को भेजे गए थे। पदाधिकारियों को लेकर किसी भी तरह की विवाद की स्थिति नहीं रही हालांकि अब कार्यकर्ताओं का जो गुस्सा फूटा रहा है, उसे संभालना भगत के लिए चुनौती से कम नहीं होगा। चर्चा ये भी है कि संगठन के बड़े नेताओं ने अपने करीबियों को पद देने के लिए काफी दिनों तक लिस्ट फाइनल होने नहीं दी थी।