छत्तीसगढ़ः मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों की 10 तक न्यायिक रिमांड बढ़ी, IAS विश्नोई, सूर्यकांत, लक्ष्मीकांत और सुनील अग्रवाल को लेकर फैसला; चौरसिया पर बहस जारी

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय-ED के अफसर मंगलवार को अदालत में उप सचिव सौम्या चौरसिया की रिमांड अवधि बढ़ाने की मांग करने वाले हैं। सौम्या को 2 दिसम्बर को गिरफ्तार किया गया था। उस दिन ED ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन अदालत ने केवल 4 दिन की रिमांड मंजूर कर मनी लांड्रिंग केस के सभी आरोपियों के साथ चौरसिया को भी 6 दिसम्बर को पेश करने का आदेश दिया था।

इसके बाद सौम्या, सूर्यकांत, IAS समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत और सुनील अग्रवाल को कोर्ट लाया गया। अब कोर्ट ने सूर्यकांत, IAS समीर विश्नोई, लक्ष्मीकांत और सुनील अग्रवाल को कोर्ट ने 10 दिसंबर तक के लिए न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। वहीं सौम्या चौरसिया को लेकर कोर्ट में अभी सुनवाई जारी है।

प्रवर्तन निदेशालय ने 11 अक्टूबर को प्रदेश के कई अफसरों और कारोबारियों के ठिकानों पर छापा मारा था। प्रारंभिक जांच और पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को इस मामले में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के तत्कालीन CEO समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील और कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया था।

सौम्या को जब कोर्ट लाया गया, तब कोर्ट के बाहर इस तरह की भीड़ थी।

सौम्या को जब कोर्ट लाया गया, तब कोर्ट के बाहर इस तरह की भीड़ थी।

उनको 14 दिन की ED रिमांड में पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। 29 अक्टूबर को इस मामले में एक अन्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने अदालत में समर्पण कर दिया। 10 दिन की पूछताछ के बाद सूर्यकांत को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। तब से चारों आरोपी जेल में बंद हैं।

सौम्या को कोर्ट ले जाते हुई पुलिस।

सौम्या को कोर्ट ले जाते हुई पुलिस।

इस बीच ED की दूसरे अफसरों और कारोबारियों से पूछताछ जारी रही। लगातार कई दिनों की पूछताछ के बाद ED ने 2 दिसम्बर को सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया। उनपर बेनामी संपत्ति की खरीदी-बिक्री से काला धन खपाने का आरोप लगाया गया है। उनको 6 दिसम्बर तक ED की हिरासत में भेजा गया था। सौम्या की गिरफ्तारी के बाद ED ने जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ की है। अफसरों का कहना है कि पूछताछ में कुछ नये तथ्य सामने आए हैं। उनकी पुष्टि के लिए सभी आरोपियों के बयानों को क्रॉस चेक किया जा रहा है। जल्दी ही इस मामले में कुछ नई गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।

समीर विश्नोई,

समीर विश्नोई,

10 दिसम्बर तक आरोपपत्र देने की जल्दी

ED के अफसर इस मामले में अब तक हुई जांच और पूछताछ के आधार पर आरोपपत्र बनाने की जल्दी में है। उनकी कोशिश है कि 10 दिसम्बर तक यह आरोप पत्र अदालत में पेश हो जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो 60 दिन के भीतर आरोप पत्र देने की सीमा खत्म हो जाएगी। ऐसे में 13 अक्टूबर को गिरफ्तार तीन आरोपियों की जमानत का रास्ता खुल जाएगा।

मुख्यमंत्री ने किया था ट्वीट

इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए अपनी बात ट्वीट की थी। CM ने लिखा- जैसा कि मैं कहता रहा हूं, ईडी द्वारा मेरी उप सचिव सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी एक राजनीतिक कार्रवाई है। हम इसके ख़िलाफ़ पूरी ताक़त से लड़ेंगे।

लक्ष्मीकांत तिवारी ने खुद सरेंडर किया था।

लक्ष्मीकांत तिवारी ने खुद सरेंडर किया था।

IAS भी हैं अरेस्ट

2016 बैच के IAS अधिकारी समीर विश्नोई को ED ने 13 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। न्यायालय में उन्हें पहले आठ दिन और बाद में 6 दिन के लिए ED को रिमांड पर दिया था। यह रिमांड 27 अक्टूबर को पूरी हो रही थी। तब तक सरकार ने विश्नोई के संबंध में कोई एक्शन नहीं लिया। इस बीच 19 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स में रितेश अग्रवाल को अस्थायी तौर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया। समीर विश्नोई 2009 बैच के IAS अफसर हैं। छत्तीसगढ़ कैडर मिलने के बाद प्रदेश में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। IAS समीर विश्नोई कानपुर के रहने वाले हैं। वहीं इनकी स्कूली पढ़ाई हुई। जेईई क्लियर किया और इन्हें IIT कानपुर में दाखिला मिला था।

करोड़ों रुपए के गहने मिल चुके हैं

प्रवर्तन निदेशालय-EDने विश्नोई के यहां छापा मारकर 47 लाख रुपए कैश और दो करोड़ रुपए कीमत के गहने बरामद किए थे। उसके बाद विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में समीर को निलंबित भी कर दिया गया था। इस बीच 19 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स में रितेश अग्रवाल को अस्थायी तौर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी नियुक्त कर दिया गया।