नईदिल्ली I इंग्लैंड की टीम को पिछली एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने बदलाव किए. जो रूट ने कप्तानी छोड़ी और बेन स्टोक्स को कप्तान बनाया गया. तब से इंग्लैंड की क्रिकेट में अंतर नजर आया है. नतीजा ये रहा है कि स्टोक्स की कप्तानी वाली टीम ने पाकिस्तान को उसके घर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में रावलपिंडी की सपाट पिच पर मात दे दी. इसका बाद स्टोक्स ने जो बयान दिया है उससे लगता है कि वह विराट कोहली की राह पर चल पड़े हैं.
विराट कोहली ने 2014 में एडिलेड में खेले गए टेस्ट मैच में जो बयान दिया था कुछ उसी तरह की बात स्टोक्स ने रावलपिंडी टेस्ट के बाद कही है. एडिलेड में भारतीय टीम को हार मिली थी लेकिन कोहली की टीम ने लड़ाई लड़ी थी. टीम इंडिया चाहती तो वो मैच ड्रॉ करा सकती थी लेकिन टीम इंडिया ने जीत की कोशिश की. इसके बाद कोहली ने कहा था कि उनकी टीम जीत के लिए खेलेगी. कुछ यही बात स्टोक्स ने कही है. स्टोक्स भी कोहली के मंत्र को मान रहे हैं और इंग्लैंड को नंबर-1 टीम बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
ड्रॉ खेलने की इच्छा नहीं- स्टोक्स
इंग्लैंड की टीम भी पाकिस्तान के खिलाफ ड्रॉ के लिए खेल सकती थी लेकिन टीम ने अपनी जान लगाई और पाकिस्तान को ड्रॉ कराने से रोकते हुए जीत हासिल की. इस जीत के बाद स्टोक्स ने कहा कि उनकी टीम की ड्रॉ में कोई दिलचस्पी नहीं हैं. उन्होंने कहा, ये टीम शानदार है. हम यहां आए थे और हमारा अच्छी क्रिकेट खेलने का जो मंत्र था उसे जारी रखना चाहते थे. हम अपने आप को मौका देना चाहते थे. हमारी मैच ड्रॉ कराने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
स्टोक्स की कप्तानी की हर कोई तारीफ कर रहा है. उन्होंने इस मैच में कई बोल्ड फैसले लिए. उन्होंने इंग्लैंड की दूसरी पारी सात विकेट के नुकसान 264 रनों पर घोषित की और अपनी टीम के लिए जीत का अवसर बनाया. इसके अलावा उन्होंने गेंदबाजों का भी अच्छे से इस्तेमाल किया, खासकर जैक लीच का. उनकी फील्डिंग पोजिशन भी काफी आक्रामक रही. एंडरसन जब गेंदबाजी कर रहे थे तब स्टोक्स ने चार स्लिप, शॉर्ट पॉइंट, सिली पॉइंट, शॉर्ट लेग और उसके पास एक और फील्डर खड़ा कर रखा था. इसके अलावा उन्होंने दो लेग स्लिप भी लगा रखी थीं. स्टोक्स की आक्रामक कप्तानी के दम पर ही पाकिस्तान इस फ्लैट पिच पर मैच ड्रॉ नहीं करा सकी.
कोहली ने दिया था ये बयान
कोहली ने जब 2014 में भारत की टेस्ट टीम की कप्तानी संभाली थी तब एडिलेड टेस्ट मैच के बाद कहा था कि वह नेगेटिव क्रिकेट खेलना नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा था, हम यहां पॉजिटिव क्रिकेट खेलने आए हैं. इस टीम में किसी तरह की नेगेटिविटी बर्दाश्त नहीं होगी. हमने उस तरह की क्रिकेट खेली जिस तरह की हम खेलना चाहते थे. जीत और हार खेल का हिस्सा हैं. हम ड्रॉ के लिए नहीं खेले. हम जीत के लिए खेले. अगर हम ड्रॉ के लिए खेलेंगे तो नकारात्मकता आएगी.