रायपुर । विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पास होने के बाद राज्यपाल के पास पहुंच तो गया, लेकिन सरकार छुट्टी होने के कारण हस्ताक्षर लटक गया। विधानसभा से पांच मंत्रियों का प्रतिनिधिमंडल संशोधन विधेयक लेकर राज्यपाल के पास पहुंचा था। शुक्रवार करीब नौ बजे मंत्रियों ने राज्यपाल को खुद विधेयक की कापी सौंपी।
उसके बाद राज्यपाल ने विधेयक को परीक्षण के लिए विधि अधिकारी के पास भेज दिया। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए 32, अनुसूचित जाति के लिए 13, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए चार प्रतिशत आरक्षण दिया है। अब राज्यपाल के हस्ताक्षर होने के साथ ही प्रदेश में नई आरक्षण व्यवस्था लागू हो जाएगी।
राज्यपाल अनुसुईया उइके ने शनिवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि विधेयक जब मेरे पास आता है, तो उसके बारे में पूरी तरह से परीक्षण किया जाता है। पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। सचिवलाय से विधिक सलाहकार के पास जाता है। वो देखते हैं और अंतमें मेरे पास भेजते हैं। राज्यपाल ने कहा कि शनिवार है। मेरे लीगल एडवाइजर छुट्टी पर हैं।
सोमवार को मैं हस्ताक्षर करूंगी। मैंने तो पहले ही कहा है कि इस मामले में मेरा सकारात्मक सहयोग मिलेगा। इस महीने से सब शुरू हो जाएगा। हस्ताक्षर के बाद नोटिफिकेशन जारी होगा और प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राज्यपाल ने कहा कि नए आरक्षण विधेयक को मेरा समर्थन है। लेकिन स्थानीय आरक्षण पर समीक्षा करनी होगी। जिला और संभाग स्तर पर आरक्षण को ध्यान में रखने की जरूरत है।
राज्यपाल के हस्ताक्षर का इंतजार : सीएम बघेल
भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचनुाव में प्रचार के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा में कहा कि विशेष सत्र की इच्छा राज्यपाल ने खुद जताई थी, इसलिए कल पूरे दिन आरक्षण संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। लंच ब्रेक भी नहीं हुआ। हमें राज्यपाल पर पूरा विश्वास है, वो हस्ताक्षर करने में देर नहीं करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे मंत्री विधेयक लेकर राजभवन गए। राज्यपाल को हाथों हाथ दिए हैं, किसी के द्वारा भेजा गया हो ऐसा नहीं है। अब कब हस्ताक्षर होकर आएगा देखने की बात है।