दंतेवाड़ा। जिले में करंट की चपेट में आकर एक 8 लाख रुपए का इनामी और हार्डकोर नक्सली की मौत हो गई। नक्सली का नाम देवा है, जो पिछले कई दिनों से बीमार भी था। जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए तार की चपेट में आ गया। माओवादियों ने प्रेस नोट जारी कर करंट से नक्सली की मौत की पुष्टि की है। नक्सल संगठन के बड़े कैडर्स ने कहा कि, देवा हमारा सबसे भरोसेमंद लीडर था। संगठन को मजबूत किया था।
दरअसल, 3 दिन पहले दंतेवाड़ा पुलिस को सूचना मिली थी कि, भूसारास घाटी में जियाकोडता के जंगल में एक युवक का शव पड़ा है। शव मिलने की सूचना पर फौरन जवानों की एक टीम को मौके के लिए रवाना किया गया था। जब जवान मौके पर पहुंचे तो उन्होंने शव के साथ एक हथियार भी बरामद किया। जवानों ने शव की पहचान नक्सली देवा उर्फ तिर्री मड़कामी के रूप में की। पुलिस ने जब इसकी फाइल खंगाली तो पता चला कि यह कटेकल्याण एरिया कमेटी का मेंबर था। इस पर 8 लाख रुपए का इनमा भी घोषित था।
3 दिन पहले पुलिस ने जारी की थी नक्सली की तस्वीर।
शव मिलने के बाद पुलिस ने दावा किया था कि, नक्सलियों ने अपने ही साथी की हत्या की है। हालांकि, अब दरभा डिवीजन कमेटी के सचिव साईनाथ ने प्रेस नोट जारी कर पुष्टि की है कि देवा की मौत करंट लगने से हुई है। साईनाथ ने कहा कि, देवा साल 2017 में नक्सलियों के PLGA में शामिल हुआ था। पिछले 6 सालों से संगठन के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रहा था। साईनाथ ने कहा कि, देवा किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। जिसका इलाज भी चल रहा था।
जानवरों के शिकार के लिए ग्रामीण लगाते हैं करंट
दरअसल, बस्तर के अंदरूनी इलाकों में ग्रामीण जंगली जानवरों के शिकार के लिए जंगल में तार बिछाकर करंट लगाते हैं। ग्रामीणों के इस तरीके से एक तरफ जहां जानवरों की मौत हुई तो वहीं कई ग्रामीण भी करंट से झुलसे हैं।