बिलासपुर। बिलासपुर में किन्नरों पर RPF की कार्रवाई करने के विरोध में पिछले दो दिन से हंगामा मचा हुआ है। बुधवार दोपहर जब किन्नरों को ट्रेन में यात्रियों को परेशान करते पकड़ा गया, तब उन्होंने RPF ऑफिस में हंगामा मचाया। स्टेशन परिसर में ही किन्नर ने अपने कपड़े उतार दिए और अश्लील हरकत करते हुए जमकर उत्पात मचाया।
इस घटना के दूसरे दिन उसने VIDEO जारी कर RPF पर पिटाई करने का आरोप लगाया। वहीं, किन्नर के कपड़े उतार कर बवाल मचाने का VIDEO भी सामने आया है। किन्नरों के इस विवाद पर गुरुवार को रेलवे मजिस्ट्रेट उन्हें समझाइश देने पहुंचे और यात्रियों को परेशान नहीं करने की चेतावनी दी।
पहले मचाया उत्पात फिर मांगने लगी माफी।
दरअसल, रेलवे सुरक्षाबल बिलासपुर की टीम किन्नर ड्राइव के विरोध में पिछले दो दिन से अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है। बुधवार दोपहर RPF ने आधा दर्जन से अधिक किन्नरों को पकड़ लिया और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उन्हें RPF दफ्तर लेकर आ गई। इस दौरान उनके गुरु महिला किन्नर रजिया अपने साथ 5-6 किन्नरों को लेकर वहां पहुंच गई। उनका कहना था कि किन्नरों को ट्रेनों में चढ़ने दिया जाए और गिरफ्तारी और कार्रवाई अभियान ना किया जाए। RPF ने जब उसकी बात नहीं सुनी तब वह अपने कपड़े उतार दी।
RPF स्टाफ पर पिटाई करने का आरोप।
कपड़े उतार कर मचाया जमकर हंगामा
इस दौरान वह प्रदर्शन करते हुए किन्नर ड्राइव के विरोध में रेलवे स्टेशन परिसर के सामने विरोध करने लगी। फिर गाली-गलौच करते हुए अपने कपड़े उतार कर अश्लील हरकतें करने लगी। इस पर रेलवे सुरक्षाबल प्रभारी भास्कर सोनी और स्टाफ उसे काफी देर तक समझाइश देने की कोशिश करते रहे। लेकिन, वह नहीं मानी। तब जीआरपी और तोरवा पुलिस की मदद ली गई और रेलवे परिसर में हंगामा कर रहे किन्नरों को पकड़ लिया।
डंडे की पिटाई से पीठ पर लगे जख्म।
किन्नर ने लगाया पिटाई का आरोप, कार्रवाई की मांग
इधर, इस घटना के बाद गुरुवार को किन्नर रजिया ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें वह अपने चोट के निशान को दिखा रही है और आरपीएफ प्रभारी और जवानों पर बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगा रही है। इस वीडियो में किन्नर पिटाई करने के दोषी आरपीएफ स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है।
रेलवे मजिस्ट्रेट ने दी समझाइश।
रेलवे स्टेशन पहुंचे मजिस्ट्रेट, किन्नरों को दी समझाइश
बुधवार और गुरुवार को रेलवे स्टेशन में सप्ताह कैंप भी लगा था, जिसमें किन्नरों को भी बुलाया गया था। इस दौरान वहां पहुंचे रेलवे मजिस्ट्रेट पवन अग्रवाल ने किन्नरों को समझाइश दी। उन्होंने कहा कि ट्रेनों में उनके भीख मांगने और यात्रियों से दुर्व्यवहार नहीं करने की चेतावनी दी। साथ ही कहा कि इस तरह से गैरकानूनी काम करने पर जेल जाने और कार्रवाई से बचने की सलाह दी।
किन्नर के बारे जानने के लिए यहां.. पढ़िए खबर
हर साल शादी करता है किन्नर-
किन्नरों की साल में एक दिन शादी होती है। यह शादी भी भगवान अरावन से होती है। भगवान अरावन की मूर्ति को शहर में घुमाया जाता है। अगले ही दिन किन्नर श्रृंगार उतारकर विधवा की तरह शोक मनाते हैं और सफेद कपड़े पहन लेते हैं।- किन्नर बहुचरा माता की पूजा कर उनसे माफी मांगते हैं और दुआ मांगते हैं कि अगले जन्म में उन्हें किन्नर की तरह जन्म ना लेना पड़े।- किन्नरों की ज्यादातर परम्पराएं हिन्दू धर्म के मुताबिक निभाई जाती हैं, लेकिन अधिकांश गुरु मुस्लिम होते हैं।- इतिहास में कुछ किन्नरों के जंग लड़ने का भी जिक्र है। इनमें से एक थे मलिक कफूर। उन्होंने दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के लिए दक्कन में जंग जीती थी।
10 पॉइंट्स में जाने एक किन्नर की लाइफ के बारे में…
- 1.- जब एक किन्नर की मौत हो जाती है तो उसके अंतिम संस्कार को गुप्त रखा जाता है। बाकी धर्मों से ठीक उलट किन्नरों की अंतिम यात्रा दिन की जगह रात में निकाली जाती है।
- 2.-किन्नरों के अंतिम संस्कार को गैर-किन्नरों से छिपाकर किया जाता है। इनकी मान्यता के अनुसार अगर किसी किन्नर के अंतिम संस्कार को आम इंसान देख ले, तो मरने वाले का जन्म फिर से किन्नर के रूप में ही होगा। अंतिम संस्कार से पहले बॉडी को जूते-चप्पलों से पीटा जाता है। कहा जाता है इससे उस जन्म में किए सारे पापों का प्रायश्चित हो जाता है।
- 3- वैसे तो किन्नर हिन्दू धर्म की कई रीति-रिवाजों को मानते हैं, लेकिन इनकी डेड बॉडी को जलाया नहीं जाता। इनकी बॉडी को दफनाया जाता है।
- 4- अपने समुदाय में किसी की मौत होने के बाद किन्नर अगले एक हफ्ते तक खाना नहीं खाते।
- 5. किन्नर समाज अपने किसी सदस्य की मौत के बाद मातम नहीं मनाते। इसके पीछे ये वजह है कि मौत के बाद किन्नर को नरक रूपी जिन्दगी से से मुक्ति मिल गई। मौत के बाद किन्नर समाज खुशियां मनाते हैं और अपने अराध्य देव अरावन से मांगते हैं कि अगले जन्म में मरने वाले को किन्नर ना बनाएं।
- 6. किन्नरों की साल में एक दिन शादी होती है। यह शादी भी भगवान अरावन से होती है। भगवान अरावन की मूर्ति को शहर में घुमाया जाता है। अगले ही दिन किन्नर श्रृंगार उतारकर विधवा की तरह शोक मनाते हैं और सफेद कपड़े पहन लेते हैं।
- 7. – किन्नरों की ज्यादातर परम्पराएं हिन्दू धर्म के मुताबिक निभाई जाती हैं, लेकिन अधिकांश गुरु मुस्लिम होते हैं।
- 8. ज्यादातर किन्नर 6 बजे तक उठ जाते हैं। 10 बजे तक नाश्ता करने के बाद ये काम पर निकल जाते हैं। किन्नरों की अधिकांश कमाई ट्रेनों में गाने के जरिए होती है। इसके अलावा लड़कों की शादी और लड़के के जन्म लेने पर उनके अभिभावकों से वसूली कर अच्छी ख़ासी कमाई कर लेते हैं।
- 9- शाम को साढ़े पांच तक ये वापस ट्रेन पकड़कर बस्ती लौट आते हैं। रात को 10 बजे तक खाना खाकर साढ़े 11 बजे तक पूरी बस्ती के किन्नर सो जाते हैं।
- 10. – इतिहास में कुछ किन्नरों के जंग लड़ने का भी जिक्र है। इनमें से एक थे मलिक कफूर। उन्होंने दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के लिए दक्कन में जंग जीती थी।