नईदिल्ली I सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या में शामिल नलिनी समेत 6 आरोपियों को बरी करने का आदेश जारी किया है. कोर्ट का आदेश आने के बाद नलिनी श्रीहरन के घर पर मिठाईयां बांटी जा रही है और जमकर जश्न मनाया जा रहा है. इसको लेकर अब बयानबाजी भी तेज हो गई है और कांग्रेस की तरफ से जयराम रमेश ने इस आदेश को स्वीकार नहीं करने वाला बताया है. 1991 में भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री की हत्या में शामिल नलिनी को कुछ ही महीने के बाद गिरफ्तार किया गया था.
नलिनी देश में सबसे लंबे समय तक जेल में बंद महिला कैदी रही हैं. उसने जेल से ही अपनी आत्मकथा लिखी और राजीव गांधी की हत्या में नाम आने के बाद अपने अनुभवों को उसमें साझा किया. इस किताब में उसने 19 मार्च 2008 को जेल में हुई प्रियंका गांधी से मुलाकात का भी जिक्र किया, जिसमें मुलाकात के दौरान प्रियंका ने उनसे पूछा कि आखिर राजीव गांधी जैसे अच्छे इंसान की हत्या की साजिश में वो क्यों शामिल हुईं.
महात्मा गांधी ने रखा था नलिनी की मां का नाम
नलिनी परिवार में सबसे बडी संतान है और उसकी बहन का नाम कल्याणी और भाई का नाम पीएस भाग्यनाथन है. बहुत ही कम लोग जानते हैं कि नलिनी की मां का नाम पदमावती का नाम महात्मा गांधी ने दिया था, जो चेन्नई के एक अस्पताल में नर्स थी. इसके साथ ही उनके पिता एक पुलिस इंस्पेक्टर थे. राजीव गांधी की हत्या के बाद उसकी मां और भाई को भी 1991 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 1998 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रिहा किया गया. नलिनी ने लिट्टे के कार्यकर्ता श्रीहरण से 21 अप्रैल 1991 में शादी की थी. जब वो दो महीने की गर्भवती थी, तभी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के आरोप में 21 मई 1991 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया और यहां से उनको दूसरे आरोपियों के साथ वेल्लूर जेल में भेजा गया.
श्रीहरण से ऐसे हुई मुलाकात
लिट्टे का कार्यकर्ता और राजीव गांधी की हत्या में शामिल श्रीहरण मुरुगन उसकी जिंदगी में तब आया, जब वह उनके घर में किराएदार बनकर आया. इसके बाद वह श्रीलंका के रहने वाले श्रीवारसन को लेकर आया. कुछ दिनों के बाद ही श्रीवारसन धनु को लेकर आया, जो पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्याकांड में मानव बम बनीं थी. नलिनी के मुताबिक, उसे राजीव गांधी की हत्या के बारे में कुछ नहीं पता था. उसके घर में मौजूद श्रीवारसन और उसके साथियों ने ऐसी किसी भी योजना की भनक उसको लगने नहीं थी.
बेटी है अमेरिका में डॉक्टर
प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद नलिनी करीब 5 दिनों तक फरार रही. हालांकि फोटोग्रॉफर एस हरिबाबू के कैमरे में कैद की गई तस्वीरों के बाद उनकी पहचान जांच एजेंसी को हुई और उनको पकडने की कोशिश तेज कर दी गई. गिरफ्तारी के बाद नलिनी ने जेल में ही बच्ची को जन्म दिया और उसको दो साल तक उसे देखने नहीं दिया गया. 6 साल की उम्र में बेटी को उसके दादा-दादी के पास भेज दिया गया. उन्होंने ही उस बच्ची को पढने के लिए विदेश भेजा और आज वह अमेरिका में एक डॉक्टर है.
बेटी ने भी मांगी है राहुल से माफी
नलिनी की बेटी हरिद्रा ने कुछ साल पहले एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि मुझे राहुल गांधी के लिए वास्तव में खेद है। मेरे माता-पिता ने काफी खेद व्यक्त किया है, वे क्षमा के पात्र हैं। मैं किसी ऐसे व्यक्ति को खोने को समझ सकता हूं जिसे आप प्यार करते हैं। मुझे वही सजा मिली है। मैं अपने माता-पिता के साथ रहने की हकदार हूं। हालांकि मेरे माता-पिता जीवित हैं, लेकिन मेरे पास नहीं हैं। भले ही उन्होंने अपराध किया हो, लेकिन उन्होंने काफी सहा है। हरिद्रा ने ब्रिटेन से बायो मेडिसिन किया है.
बेटी ने श्रीलंका में की शुरुआती पढ़ाई
हरिद्रा को श्रीलंकाई पासपोर्ट के जरिए भारत से श्रीलंका ले जाया गया. हरिद्रा के पिता और दादी दोनों ही श्रीलंकाई नागरिक हैं, इसी आधार पर वो श्रीलंका गई. 2006 में भारतीय एजेंसियों को हरिद्रा को भारत आने का वीजा देना पड़ा और हरिद्रा ने वेल्लोर जेल में अपने पैरेन्ट्स से मुलाकात की.