छत्तीसगढ़ः इस बार राज्योत्सव में दिखेगी आठ देशों की पारंपरिक संस्कृति, 22वें स्थापना दिवस को लेकर तैयारी शुरू

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ का 22वां स्थापना दिवस मनाए जाने की तैयारियां जोर शोर से प्रारंभ हो चुकी हैं। पिछले तीन सालों से राज्योत्सव की धूम विदेशों में भी मचने लगी है। पिछले वर्ष आठ देशों के कलाकारों ने अपने-अपने देश की पारंपरिक संस्कृति, रीतिरिवाज को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया था। इस साल 26 देशों ने छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में प्रस्तुति देने संस्कृति विभाग से संपर्क किया, जिसमें से आठ को निमंत्रण भेजा गया है। ये सभी देश पहली बार छत्तीसगढ़ में प्रस्तुति देने आएंगे।

27 राज्य, छह केंद्रशासित प्रदेशों के 1,500 कलाकार

आठ देशों में अफ्रीका महाद्वीप के मोजांबिक, टोगो, एशिया के मंगोलिया, रसिया, इंडोनेशिया और यूरोप के सर्विया, न्यूजीलैंड और मालदीव समेत 27 राज्य और छह केंद्रशासित प्रदेश के 1,500 से अधिक कलाकार नृत्य के माध्यम से अपने देशों की संस्कृति की झलक प्रस्तुत करेंगे।

फसल कटाई और रीति-रिवाज पर नृत्य

प्रत्येक देश में फसल कटाई के दौरान खुशियां मनाने किसान गीत गाते हुए नृत्य करते हैं। सगाई, विवाह एवं अन्य पर्व, त्योहार पर भी नृत्य किया जाता है। इन दोनों थीम पर विविध राज्यों और देशों के नर्तक नृत्य पेश करेंगे। पहली थीम फसल कटाई पर किया जाने वाला नृत्य और दूसरी थीम आदिवासी परंपराएं और रीति-रिवाज रखा गया है। 

दो सालों में 15 देश के नर्तक कर चुके प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ राज्य का गठन होने के बाद से हर साल सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने प्रतिदिन हजारों लोग उमड़ते हैं। पहले बालीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता, अभिनेत्री, गायक, गायिकाएं प्रस्तुति देने आते थे। वर्ष-2019 में पहली बार आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया था। उस दौरान श्रीलंका, बेलारूस, यूगांडा, थाइलैंड, बंगलादेश की प्रस्तुतियां हुई थीं। इसके बाद वर्ष-2020 में कोरोना महामारी के चलते विदेशी कलाकार नहीं आए। पिछले साल 2021 में एस्वातीनी, नाइजीरिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, यूगांडा, माली, फिलिस्तीन के कलाकार आए थे। 

संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने कहा, एक से तीन नवंबर तक होने वाले राज्योत्सव कार्यक्रम में 100 से अधिक नृत्यों का आनंद लिया जा सकेगा। प्रत्येक देश अपनी सांस्कृतिक परंपरा और रीति-रिवाज पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति देंगे। 26 देशों ने संपर्क किया था, इनमें से आठ देशों को निमंत्रण भेजा गया, जिनकी स्वीकृति मिल चुकी है।