कोरबाः मां कोसगाई देवी, 36 में से एक गढ़ पर विराजित, यहां चढ़ता है लाल नहीं, सफेद ध्वज

कोरबा। जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूर स्थित कोसगाईगढ़ छत्तीसगढ़ के 36गढ़ में से एक गढ़ है। यहां 600 फीट ऊंचे पहाड़ पर निर्मित किले में कोसगाई देवी का मंदिर है। संभवत: यह अकेला देवी मंदिर है जहां लाल नहीं बल्कि शांति का प्रतीक सफेद ध्वज चढ़ता है। प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे इस पहाड़ की 50 फीट ऊंचाई पर भीम सेन की प्रतिमा है। दक्षिण छोर पर बाबा कुटी है, इसके निकट ही सुरहीगाय की प्रतिमा हैं। गौमुखी स्वरूप इस प्रतिमा के मुख से लगातार पानी की धार बह रही है। कोसगाई देवी को छुरी राजघराने की कुलदेवी माना जाता है। राजघराने के सदस्य कुंवर राजवर्धन सिंह का कहना है देवी माता शांति की प्रतीक हैं। इनकी पूजा और आराधना से शांति की मिलती है।

खुले आसमान के नीचे मां का वास
पहाड़ के ऊपर मां का मंदिर बिना किसी गुंबद अथवा छत के है। ऐसा मानना है कि देवी मां को छत पसंद नहीं है। जिला पुरातत्व विभाग के मार्गदर्शक हरिसिंह क्षत्रीय का कहना है कोसईगढ़ के बावनबडी किला का निर्माण तेरहवीं शताब्दी में हयहयवंशी राजाओं ने बनवाया था।