छत्तीसगढ़ः कुम्हारी में चलती थी ‘मस्ती’ की बाड़ी, लड़कियों को मोहनी दवाई से करते थे कंट्रोल;रात भर छलकते जाम के साथ लगता था 30-40 किलो चखना 

आरोपियों के पास से जब्त किया सामान व हथियार

भिलाई। भिलाई के कुम्हारी थाना क्षेत्र के कपसदा गांव में मस्ती की बाड़ी संचालित थी। यहां पहुंचने वाले लोगों की हर रात रंगीन होती थी। जाम छलकते थे। जुए के दांव लगते थे। मस्ती के लिए लड़कियां भी बुलाई जाती थीं। यहां लगने वाली भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक रात में 30-40 किलो मछली और मुर्गा का चखना खत्म हो जाता था। यही पार्टी चार लोगों की हत्या की वजह बनी। यदि कुम्हारी पुलिस इस पर पहले ही ध्यान दे देती तो इतनी बड़ी वारदात नहीं होती।

कपसदा गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले का दुर्ग पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने जब आरोपियों के यहां से जब्त माल और कैश को मीडिया के सामने रखा तो सभी की आंखें फटी की फटी रह गई। आरोपी मृतक भोलाराम यादव के घर से 7 लाख 92 हजार 400 रुपए कैश और बड़ी मात्रा में सोने चांदी के आभूषण और महंगे कपड़े लूटने पहुंचे थे।

एसपी दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव ने भी इस बात को स्वीकार किया कि इतनी बड़ी मात्रा में कैश, सोना, चांदी और महंगे कपड़े किसी आम सब्जी बेचने वाले के यहां नहीं हो सकता है। एसपी ने खुलासा करते हुए बताया कि भोलाराम अपनी बाड़ी में वीकली पार्टी ऑर्गनाइज करता था। इसमें बड़ी संख्या में लोग आते थे। लड़कियां भी बुलाई जाती थीं। शराब और जुआ पार्टी चलती थी। इससे भोलाराम काफी पैसा कमा रहा था।

मोहनी दवाई से लड़कियों को कंट्रोल करते थे

पुलिस की पूछताछ में भोलाराम के छोटे भाई किस्मत ने बताया कि भोलाराम गलत तरीके से इतनी कमाई कर रहा था कि उसने ट्रैक्टर, जमीन और बड़ी मात्रा में सोने चांदी के आभूषण खरीदा था। किस्मत उससे पैसे मांगता तो वह नहीं देता था। भोलाराम और उसका मित्र आकाश मांझी ओड़िशा से मोहनी दवाई लाते थे और उसी से लड़कियों को कंट्रोल में करके मस्ती करते थे।

15 हजार नहीं देने पर छोटे भाई ने दिया वारदात को अंजाम

उधर कुछ समय पहले आकाश और भोलाराम का झगड़ा हुआ था। इससे किस्मत ने आकाश से दोस्ती बढ़ा ली। इस दौरान आकाश ने किस्मत को बताया कि वह और भोलाराम ओडिशा में घुरकोटी के बाबा से मोहनी दवा लाते थे और लड़कियों को वश में करते थे। ये जानने के बाद किस्मत ने भी मोहनी दवा लाने की बात कही। इस पर आकाश ने 15 हजार रुपए लगने की बात कही थी।

किस्मत भोलाराम से उसी के लिए रुपए मांगने गया था। भोलाराम ने मना कर दिया तो उसने उसकी हत्या का प्लान बनाया। इसके बाद किस्मत, आकाश और टीकम दास धृतलहरे ने साथ बैठकर शराब पी। उसके बाद वह लोग कुल्हाड़ी, सब्बल और फसल काटने का पट्टा लेकर गए और भोलाराम, उसकी पत्नी नैला और 12 साल के बेटे व 7 साल की बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी।

बाड़ी में मिला था भोलाराम का शव।

बाड़ी में मिला था भोलाराम का शव।

दो साल पहले भी इसी तरह हुई थी गांव में हत्या
पुलिस ने बताया कि दो साल पहले इसी गांव में एक बुजुर्ग महिला की कुल्हाड़ी और शब्बल मारकर हत्या की गई थी। यह मामला अब तक अनसुलझा है। इन लोगों ने उसी पैटर्न में पूरे परिवार की हत्या की। पुलिस ने मृतक के भाई किस्मत के घर से कैश जब्त कर, कपड़े व हत्या में इस्तेमाल हथियार जब्त किया है। फोरेंसिक टेस्ट में हथियार से इंसान के खून और टिश्यू के पार्ट्स मिले हैं। इसके साथ ही मोबाइल कॉल डिटेल्स से भी पता चला कि घटना के समय तीनों आरोपियों का मोबाइल घटना स्थल पर था और उसके बाद दो लोग रातों रात बाइक से रायपुर और फिर वहां से ओड़िशा भागे थे। पुलिस ने दो आरोपियों को ओडिशा के भवानीपट्टनम से गिरफ्तार कर लिया है।

गुरुवार को मिली थी 4 लाशें

कुम्हारी थाने से महज 6 किलोमीटर दूर कपसदा गांव में पूनाराम टंडन की बाड़ी है। वहां ओडिशा के बलांगीर से आकर 34 वर्षीय भोलानाथ यादव अपने परिवार सहित रहता था। भोला की पत्नी नैला (30 वर्ष) व उसके 7 और 12 साल के दो बच्चे मुक्ता और प्रमोद भी साथ ही रहते थे। ये परिवार बाड़ी में ही बने मकान में रहता था। भोला और उसकी पत्नी दोनों यहां खेती-बाड़ी करते थे। गुरुवार सुबह जब कुछ ग्रामीण इस ओर पहुंचे तो भोला का शव मकान के बाहर पड़ा था। अंदर उसकी पत्नी और दोनों बच्चों की लाश थी। सभी के सिर और शरीर पर कुल्हाड़ी से वार के निशान थे। जिसके बाद से पुलिस इस मामले की जांच कर रही थी। पूरे मामले का शनिवार को खुलासा किया गया है।