अशोक गहलोत नहीं लड़ेंगे कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव: बोले- सोनिया गांधी लेंगी सीएम का फैसला; माफीनामे में लिखा- जो हुआ, उससे आहत हूं

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की बैठक खत्म हो गई है। करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात के बाद गहलोत ने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर मैंने बात की है। मैंने हमेशा वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। विधायक दल की बैठक के दिन हुई घटना ने सबको हिलाकर रख दिया। ऐसा लगा जैसे कि मैं मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं, इसलिए मैंने उनसे माफी मांगी है।

गहलोत ने गुरुवार को सोनिया से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा- ‘हमारे यहां हमेशा से परंपरा रही है कि हम आलाकमान के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पास करते हैं। मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं यह एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया, इस बात का दुख रहेगा। इस घटना ने देश के अंदर कई तरह के मैसेज दे दिए।’

गहलोत जब सोनिया से मिलने जा रहे थे तो उनके हाथ में कुछ कागज थे। उसमें हाथ से लिखा हुआ माफीनामा था। यह कैमरे में कैद हो गया। इसमें हाथ से कुछ पॉइंट्स लिखे हुए थे। जिसमें सबसे ऊपर था ‘जो कुछ हुआ उसका दुख है, इससे मैं बहुत आहत हूं’।

इसके साथ ही तीसरे पॉइंट पर सचिन पायलट (SP), सीपी जोशी (CP) सहित चार लोगों के नाम शॉर्ट फॉर्म में भी लिखे हुए थे।

सोनिया गांधी से मुलाकात के जाते वक्त यह पर्चा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथ में था।

सोनिया गांधी से मुलाकात के जाते वक्त यह पर्चा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथ में था।

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्थान CM विवाद के बीच दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। दिग्विजय दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं यहां नामांकन फॉर्म लेने आया हूं और कल नामांकन करूंगा।

इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि 1-2 दिन के अंदर राजस्थान का मामला सुलझ जाएगा। वेणुगोपाल ने सोनिया से मुलाकात के बाद यह बात कही।

सोनिया नाराज, विवाद सुलझाने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं गहलोत
राजस्थान में अशोक गहलोत समर्थक विधायकों के बागी तेवरों के बाद सोनिया गांधी पूरे घटनाक्रम पर नाराज हैं। विधायक दल की बैठक के बहिष्कार और गहलोत के समर्थक मंत्रियों के बयानों को ऑब्जवर्स की रिपोर्ट में हाईकमान के आदेशों का उल्लंघन और गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए नोटिस जारी किए थे।