रायपुर। चुनाव में उतरने से ठीक एक साल पहले आम आदमी पार्टी की प्रदेश इकाई को भंग कर दिया गया है। उसके साथ ही प्रदेश इकाई से जुड़े सभी संगठनों को भी भंग कर दिया गया है। हालांकि कोमल हुपेंडी प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। आप इस साल के अंत तक नये सिरे से संगठन बनाएगी। इसमें दूसरे दलों से आए नेताओं को भी मौका मिलेगा। यही टीम लेकर वह विधानसभा चुनाव में उतरेगी।
आप के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने एक बातचीत में कहा, अगले साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए लगातार बैठकों-समीक्षा का दौर चल रहा है। एक रणनीति के तहत प्रदेश इकाई को नए सिरे से संगठित करने के लिए इसे भंग किया गया है। अब यह बड़ा संगठन बनेगा। इसमें सक्रिय और चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण लोगों को जगह दी जाएगी। संगठन को डेढ़-दो महीनों में फिर से बना लिया जाएगा। कोमल हुपेंडी ने बताया, छत्तीसगढ़ में अभी आप के साथ 2 लाख से अधिक लोग सदस्य के तौर पर जुड़ गए हैं। पिछले एक साल में करीब 550 लोग दूसरे राजनीतिक दलों को छोड़कर उनके साथ आए हैं। ये वे लोग हैं जो उन दलों में किसी न किसी सांगठनिक अथवा निर्वाचित पदों पर रहे हैं। अगले चुनाव से पहले पूरी टीम मजबूती के साथ जनता के बीच होगी।
गांव-गांव तक पहुंच गया संगठन
आप के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी का कहना था, पिछले चुनाव में उनके संगठन की पहुंच गांवों तक नहीं थी। सीमित संसाधनों के साथ वे लोग केवल चुनाव चिन्ह को लोगों तक पहुंचा पाए। इस बार दो अलग-अलग अभियानों के जरिए उनका संगठन गांव-गांव तक पहुंच गया है। हर गांव से कार्यकर्ता जुड़े हैं। जिन मोहल्लों-पारों में संगठन नहीं है वहां भी पहुंच बढ़ाने की कोशिश हो रही है।
पिछली बार 85 सीटों पर लड़ी थी, एक फीसदी से कम वोट मिले
आम आदमी पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में पूरे उत्साह से भाग लिया था। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने खुद यहां कैंप किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साइंस कॉलेज मैदान में जनसभा से चुनाव अभियान का आगाज किया। पार्टी ने 85 सीटों पर उम्मीदवार उतारे लेकिन सभी जमानत गंवा बैठे। पार्टी को पूरे प्रदेश में एक प्रतिशत से भी कम वोट मिला।