रायपुर।प्रदेश के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों व इससे संबद्ध अस्पतालों में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के 4 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती पहली बार व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) से होगी। अभी तक ये भर्तियां कॉलेजों और इनसे संबद्ध अस्पतालों के स्तर पर ही की जा रही थीं। लेकिन पिछले कुछ समय से शिकायतें आ रही थीं कि प्रक्रिया के कारण भर्तियां लेट हो रही हैं और विवाद भी आ रहे हैं। इसलिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सेंट्रलाइज्ड भर्ती कराने का फैसला किया है। इसकी सूचना जल्दी ही व्यापमं को भेज दी जाएगी।
प्रदेश में हाल ही में महासमुंद व कोरबा कॉलेज को एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए मान्यता मिली है। पिछले साल कांकेर कॉलेज को इतनी ही सीटों के लिए मान्यता मिली थी। निकट भविष्य में दुर्ग स्थित सीएम कॉलेज की मान्यता भी रिन्यूअल होने जा रही है। 100 सीटों वाले कॉलेजों से संबंद्ध अस्पताल में 545 व मेडिकल कॉलेज में 280 यानी कुल 825 पद स्वीकृत हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए दो माह पहले शासन से मंजूरी मिल चुकी है। हाल ही में स्वास्थ्य सचिव, डीएमई व डीन की बैठक में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी की भर्ती में हो रही व्यवहारिक दिक्कतों पर चर्चा हुई। इसमें यह बात सामने आई कि भर्ती के लिए एक बड़े स्टाफ को इंगेज करना पड़ता है।
देरी रुकेगी, भर्तियां भी एक साथ
- सभी कॉलेजों के लिए भर्ती की प्रक्रिया एक साथ हो जाएगी, जिससे देर नहीं होगी।
- व्यापमं पदों पर सलेक्शन करके देगा। डीएमई कार्यालय जल्दी अमल भी कर लेगा।
- कॉलेज प्रबंधनों को भर्ती प्रक्रिया के लिए अलग से स्टाफ रखने की जरूरत नहीं।
स्टाफ नर्स, रेडियोग्राफर और क्लर्क के पद भी
मेडिकल कालेजों और संबद्ध अस्पतालों में स्टाफ नर्स, क्लर्क, विभिन्न टेक्नीशियन, रेडियोग्राफर, फार्मासिस्ट और लैब अटेंडेंट के अलावा सफाईकर्मी व आया आदि।
कॉलेजों में इतने पद
महासमुंद – 825
कोरबा – 825
कांकेर – 825
अन्य कॉलेज – 1525
इसलिए जरूरी… नए कॉलेजों में खाली पद
नए मेडिकल कॉलेज व इससे संबद्ध अस्पतालों में खाली पद ज्यादा हैं। जैसे महासमुंद व कोरबा को हाल में मान्यता मिलने के बाद भर्ती जरूरी है। कांकेर में भी भर्ती नहीं हुई है। इन तीनों कॉलेजों के अलावा रायपुर, सिम्स बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, राजनांदगांव, जगदलपुर व सीएम कॉलेज दुर्ग में काफी पद खाली हैं। हालांकि सीएम काॅलेज में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती की अनुमति पहले ही मिल चुकी है, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।
हो चुका… फैकल्टी की भर्ती पीएससी से पहले ही
मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों यानी फैकल्टी की भर्ती लोक सेवा आयोग से की जा रही है। अब पीएससी से नियमित भर्ती हो रही है। इनमें असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेसीडेंट, डेमोंस्ट्रेटर व जूनियर रेसीडेंट के पद शामिल है। एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसरों की भर्ती पीएससी नहीं करती। दरअसल ये प्रमोशन के पद हैं। हालांकि शासन के प्रस्ताव के बाद डीपीसी पीएससी में होती है। पिछले पांच सालों में समय पर प्रमोशन हो रहा है। इसके कारण कई युवा डॉक्टर प्रोफेसर बन गए हैं।
भर्तियां एक साथ हो जाएंगी
मेडिकल कॉलेजों में तृतीय-चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती व्यापमं से करने की योजना है। इससे सभी कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया एक साथ पूरी होने की संभावना है। -आर. प्रसन्ना, सचिव-स्वास्थ्य