रायपुर। प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के बाद अब छत्तीसगढ़ भाजपा में मोर्चा, प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिलों और मंडल में बदलाव की तैयारी है। प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव की टीम में नए और पुराने चेहरों का संगम होगा। पार्टी 50- 55 साल के नेताओं को फ्रंट पर लाने की रणनीति पर काम कर रही है। इसे लेकर पार्टी के अंदर अलग- अलग स्तर पर चर्चाएं हो चुकी हैं।
प्रदेश में इस बदलाव को लागू करने से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से लेकर संघ के पदाधिकारियों की भी राय ली जा रही है। हालांकि, कोई भी बदलाव भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रदेश दौरे के बाद ही होगा। बता दें कि राष्ट्रीय अध्यक्ष 9 सितंबर को प्रदेश दौरे पर आ रहे हैं।
कार्यकर्ता सम्मेलन 9 को, नड्डा होंगे शामिल
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष 9 सितंबर को रायपुर आ रहे हैं। इस दौरान वे भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होंगे। इसके अलावा वे प्रदेश पदाधिकारियों के साथ भी बैठक कर सकते हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि अभी तक उनकी तरफ से केवल कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने की स्वीकृति मिली है।
27 हजार कार्यकर्ता होंगे शामिल
सम्मेलन में प्रदेश भर से 27 हजार पदाधिकारी शामिल होंगे। इसमें प्रदेश के साथ ही जिले, मंडल और बूथ स्तर के पदाधिकारी भी होंगे। सभी विधानसभाओं से 300 पदाधिकारी इस कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने आएंगे।
इन मोर्चों में बदलाव की चर्चा
- भाजयुमो- अध्यक्ष अमित साहू पर निष्क्रियता के आरोप लगते रहे हैं। बड़े नेताओं से भी उनकी शिकायत हो चुकी है।
- महिला मोर्चा- अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने पिछले 3 सालों में कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं किया है।
- ओबीसी मोर्चा- चुनाव को ध्यान में रखते हुए मैदानी क्षेत्र के नेता को दी जा सकती है कमान।
- किसान मोर्चा- अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल किसानों को लेकर तीन साल में कोई बड़ा प्रदर्शन नहीं कर सके।
उपाध्यक्ष, महामंत्री के साथ ही मोर्चों में होगा बदलाव
विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव की नई टीम तैयार की जा रही है। प्रदेश कार्यकारिणी से लेकर जिले और मंडल स्तर पर बदलाव अपेक्षित है। हालांकि, 10- 12 जिलाध्यक्षों और तीन मोर्चा प्रमुखों को भी बदले जाने के संकेत मिल रहे हैं।
चर्चा यह भी है कि साव की टीम में एबीवीपी कार्यकर्ता भी शामिल किए जाएंगे। प्रदेश कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष और महामंत्री के कुछ चेहरे भी बदले जा सकते हैं। नारायण चंदेल के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद से महामंत्री का एक पद खाली है। वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सक्रिय नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
इतनी बड़ी है प्रदेश कार्यकारिणी टीम
उपाध्यक्ष- 8
महामंत्री- 3
संगठन महामंत्री- 1
मंत्री- 8
मोर्चा- 7
प्रकोष्ठ- 22